काबुल: अमेरिका और तालिबान शांति समझौते के दो दिन बाद अफगानिस्तान में बड़ा बम धमाका हुआ है. इस धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई है. वहीं, करीब 11 लोग घायल हैं. ये धमारा नादिर शाह कोट इलाके में एक फुटबॉल मैच के दौरान हुआ. बड़ी बात ये है कि ये धमाका तालिबान की ओर से शांति समझौता तोड़ने के बाद हुआ है. पांच हजार तालिबानी कैदियों की रिहाई से अफगानिस्तान के इनकार के बाद तालिबान भड़का हुआ है. हालांकि हमले की तत्काल जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है.


बंदियों की रिहाई होने पर ही अफगान वार्ता में लेंगे हिस्सा- तालिबान


दरअसल अफगानिस्तान में शांति की कोशिशों को एक बार फिर उस वक्त झटका लगा जब तालिबान ने यह साफ कर दिया कि वे अफगानिस्तान के संबंद्ध पक्षों के बीच की वार्ता में तभी हिस्सा लेंगे जब अमेरिका के साथ हुए समझौते के तहत उसके पांच हजार बंदियों को रिहा कर दिया जाएगा.


कैदियों की रिहाई से अशरफ गनी ने किया था इनकार


कतर के दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते में यह प्रावधान था कि तालिबान अपने कब्जे से एक हजार कैदियों को रिहा करेंगे और अफगानिस्तान सरकार पांच हजार तालिबान कैदियों को रिहा करेगी. लेकिन, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि वह इस बारे में वादा नहीं कर सकते कि तालिबान कैदियों को छोड़ा जाएगा. यह अमेरिका नहीं बल्कि अफगानिस्तान के लोग तय करेंगे कि किसे छोड़ा जाए और किसे नहीं.


'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, गनी द्वारा कैदियों को रिहा करने से एक तरह से मना कर देने के बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद ने कहा, "हम अंतर अफगान वार्ता के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन अपने पांच हजार कैदियों की रिहाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अगर हमारे पांच हजार बंदी, सौ-दौ सौ अधिक-कम हों तो चलेगा, रिहा नहीं होंगे तो फिर कोई अंतर-अफगान वार्ता नहीं होगी." तालिबान के साथ हुए करार के तहत अमेरिका 135 दिन के अंदर अपने सैनिकों की संख्या 13 हजार से घटाकर 8600 कर देगा. 14 महीने के अंदर अफगानिस्तान से अमेरिका और सभी अन्य देशों की सेनाएं वापस चली जाएंगी.


अफगान बलों के खिलाफ फिर शुरू करेंगे अभियान- तालिबान


इससे पहले तालिबान ने कहा था कि वह आंशिक संघर्ष विराम खत्म करने के साथ ही अफगान सुरक्षा बलों के खिलाफ आक्रामक अभियान फिर शुरू करने जा रहा है. इस आंशिक संघर्ष विराम की घोषणा चरमपंथियों और वाशिंगटन के बीच समझौते पर दस्तखत होने से पहले की गई थी. यह घोषणा राष्ट्रपति अशरफ गनी के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह आंशिक संघर्षविराम को कम से कम तब तक जारी रखेंगे जब तक अफगान अधिकारियों और तालिबान के बीच बातचीत शुरू नहीं हो जाती.


तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, “समझौते (अमेरिका-तालिबान) के मुताबिक, हमारे मुजाहिदीन विदेशी बलों पर हमला नहीं करेंगे लेकिन काबुल के प्रशासन वाले बलों के खिलाफ हमारा अभियान जारी रहेगा.” समझौते पर शनिवार को हस्ताक्षर के बाद से ही तालिबान सार्वजनिक रूप से अमेरिका पर अपनी “जीत” का जश्न मना रहा है.