अमेरिका ने हाल ही में यूक्रेन को ATACMS (Army Tactical Missile System) मिसाइलों के इस्तेमाल की इजाजत दी है. ये रूस के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इन मिसाइलों की रेंज लगभग 300 किलोमीटर है और ये फ्रांस और ब्रिटेन के स्टॉर्म शैडो मिसाइलों की तरह है.
पहले, पश्चिमी सहयोगी देशों ने यूक्रेन को रूस पर हमले करने से रोकने के लिए इन मिसाइलों का इस्तेमाल करने से मना किया था, लेकिन अब राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस नीति को बदलते हुए यूक्रेन को रूस के भीतर लक्ष्यों को निशाना बनाने की इजाजत दी है. रूस ने इसपर गंभीर चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर यूक्रेन इन मिसाइलों का इस्तेमाल रूस में करता है, तो इसका "उचित और ठोस" जवाब दिया जाएगा. रूस ने यह भी कहा कि यह अमेरिकी और उसके सहयोगी देशों का प्रत्यक्ष युद्ध में शामिल होने का इशारा होगा.
रूस की प्रतिक्रिया और उत्तर कोरिया का जंग में परोक्ष एंट्री
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब तक बाइडन के इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका युद्ध को और बढ़ा रहा है. इसी बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने संकेत दिया कि ATACMS का इस्तेमाल यूक्रेन की सेनाएं जल्द ही करेंगी, लेकिन उन्होंने इस पर आधिकारिक घोषणा से बचने का संकेत दिया है. वहीं, फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं ने भी बाइडन के इस कदम का समर्थन किया है, जबकि यूके और फ्रांस भी अपने स्टॉर्म शैडो मिसाइलों के इस्तेमाल की स्थिति पर विचार कर सकते हैं. अमेरिकी फैसले के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि फ्रांस और ब्रिटेन भी यूक्रेन को रूस के भीतर अपने लक्ष्यों को निशाना बनाने की इजाजत दे सकते हैं.
इस बीच, रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस की पश्चिमी कूर्स्क क्षेत्र में उत्तर कोरिया से 10,000 से अधिक सैनिकों की तैनाती की जा रही है और संभवत: रूस को और अधिक सैनिकों और हथियारों की मदद मिल सकती है. इससे रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग की चिंता जाहिर की जा रही है. कहा जा रहा है कि उत्तर कोरिया रूस को युद्ध सामग्री और सैन्य सहायता मुहैया कर सकता है. ऐसी स्थिति में जंग और भी जटिल हो सकता है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी इस संघर्ष के समाधान के लिए वैश्विक नेताओं से राजनीति हल की दिशा में कदम उठाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट को शांत करने के लिए राजनीतिक समाधान की आवश्यकता है, हालांकि चीन ने यह बार-बार खंडन किया है कि वह रूस को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है.
क्या है ATACMS मिसाइल सिस्टम?
आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) एक सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 300 किमी (186 मील) तक लक्ष्य को मार सकती है. यह मिसाइल रक्षा निर्माता लॉकहीड मार्टिन ने बनाई है. इसे ट्रैक्ड M270 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) या व्हील्ड M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) से लॉन्च किया जा सकता है. हरेक मिसाइल की कीमत लगभग $1.5 मिलियन (1.2 मिलियन पाउंड) है.
ATACMS ठोस रॉकेट लॉन्चर से संचालित होते हैं और एक बैलिस्टिक राह पर आकाश में उड़ान भरते हैं फिर तेज गति गिरते हैं, जिससे इन्हें इंटरसेप्ट करना मुश्किल हो जाता है. इन मिसाइलों को दो तरह के वारहेड्स के साथ कॉन्फ़िगर किया जा सकता है. पहला प्रकार क्लस्टर वारहेड है, जिसमें सैकड़ों बमलेट्स होते हैं. इनमें पार्क किए गए विमान, वायु रक्षा प्रणालियां और सैनिकों के समूह शामिल हो सकते हैं.
दूसरा प्रकार एक सिंगल वारहेड है. ये 225 किलोग्राम का हाई रेंज विस्फोटक है और इसका मकसद बड़े ठिकानों को नष्ट करना है. ATACMS दशकों से मौजूद हैं और इन्हें पहली बार 1991 के खाड़ी युद्ध में इस्तेमाल किया गया था. यूएस आर्मी इसे अगले पीढ़ी के प्रिसीजन स्ट्राइक मिसाइल से बदल रही है.
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