Pakistani Media On Atique Ahmed Murder: गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उनके शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जा चुका है. इस हत्याकांड के बाद जहां विपक्ष यूपी सरकार पर हमलावर है तो वहीं विदेशी मीडिया में भी यह मामला सुर्खियों में है. पाकिस्तानी मीडिया ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तानी अखबार डॉन, एक्सप्रेस ट्रिब्यून और बीबीसी जैसी विदेशी मीडिया ने अतीक हत्याकांड पर खबर छापी है.  डॉनने अपनी हेडलाइन में पूर्व सांसद और लाइव टीवी पर हत्या का जिक्र किया. वहीं पाकिस्तानी न्यूज आउटलेट द एक्स्प्रेस ट्रिब्यून ने एक कदम आगे बढ़ कर अतीक के कत्ल को एक मुस्लिम का कत्ल करार देने की कोशिश की है.


जहां अपनी खबर में बीबीसी ने अतीक को माफिया कहा है तो वहीं रॉयटर ने पूर्व सासंद कह कर अपनी खबर में संबोधित किया है. अल जजीरा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, 'आरोपी पत्रकार बन कर आए थे. हत्या के बाद जय श्री राम का नारा लगाया गया जो मुस्लिमों के खिलाफ अभियान में हिंदू राष्ट्रवादियों का एक युद्धघोष बन गया है. दोनों ही भारत के अल्पसंख्यक समुदाय से थे.' 


बता दें कि अतीक और अशरफ अहमद को रविवार (16 अप्रैल) की रात सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. पोस्टमार्टम के बाद दोनों भाईयों के शव को परिजनों को सौंप दिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक अतीक अहमद को आठ और अशरफ को पांच गोलियां लगी हैं. दोनों के शव को कब्रिस्तान लाया गया और चंद लोगों की मौजूदगी में उन्हें दफन किया गया.


15 अप्रैल को मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय अतीक अहमद और भाई अशरफ अहमद को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद पुलिस ने तीनों हमलावरों को गिरफ्तार किया जिन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में प्रयागराज के नैनी जेल भेज दिया गया है. मामले की जांच जारी है. 


किस कब्रिस्तान में दफ्न किए गए?
अतीक अहमद और अशरफ अहमद को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफन किया गया. कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों शवों को कब्रिस्तान लाया गया. शाम करीब छह बजे दोनों शव कब्रिस्तान लाए गए. इस दौरान सिर्फ करीबी रिश्तेदार ही मौजूद रहे जिनमें कुछ महिलाएं भी थीं. रिश्तेदारों की उपस्थिति में दोनों भाईयों का अंतिम संस्कार हुआ. हालांकि रिश्तेदारों के अलावा अंतिम संस्कार में शामिल होने आए अन्य लोगों के आधार कार्ड देखकर ही उन्हें कब्रिस्तान में दाखिल होने दिया गया.