बीजिंगः चीन और पाकिस्तान एक-दूसरे को सदाबाहर दोस्त बताते हैं, लेकिन जब चीन में मुसलमानों पर अत्याचार की बात सामने आती है तो पाकिस्तान के हुक्मरान मुश्किल में पड़ जाते हैं. चीन अब भी अपनी अत्याचारी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. चीन उइगर मुसलमानों के बाद उत्तर पश्चिमी के मुस्लिम समुदाय को सार्वजिनक तौर पर इस्लामिक विश्वास को प्रकट करने से रोक रहा है और स्थानीय अधिकारी उन पर नजर रख रहे हैं.
चीन के प्रशासन ने दूरदराज के इलाकों और छोटे गांवों में मस्जिदों के गुंबदों और मीनार को नष्ट कर दिया है. बताया जा रहा है कि चीन ने अब तक 65 फीसदी मस्जिदों को नष्ट कर दिया है. वह इनर मंगोलिया, हेनान और निंगक्सिया के क्षेत्रों में अपनी कार्रवाई को अंजाम देने में लगा हुआ है.
10,000 मुस्लिम संरचनाओं का विध्वंस
ऑस्ट्रेलियाई रणनीतिक नीति संस्थान ने ने खुलासा किया है कि साल 2017 के बाद से चीन ने 65 फीसदी मस्जिदों और 58 फीसदी महत्वपूर्ण इस्लामिक स्थलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है, जबकि काश्गर में 70 फीसदी मस्जिदों को ध्वस्त कर दिया गया है. वहीं, उइगर एक्सपर्ट इस संख्या को 80 फीसदी बता रहे हैं. कई उइगर स्कॉलर्स भी 2017 में गायब हो गए, जिनका बाद में पता नहीं चल पाया.
सिचुआन यूनिवर्सिटी के 'पब्लिक ओपिनियन क्राइसिस' नाम से जारी एक डॉक्यूमेंट में गांसु, निंगजिया, किन्हाई, शिनजियांग, तिब्बत, इनर मंगोलिया, हेबेई और सिचुआन में मस्जिदों, मीनारों और गुंबदों जैसी लगभग 10,000 मुस्लिम संरचनाओं के विध्वंस की जानकारी दी गई है.
चीन के अपने देश के ही नागरिक पर किए जा रहे अत्याचारों का भले ही पूरी दुनिया को पता हो लेकिन चीनी सार्वजनिक रूप से इससे इनकार करता रहा है और कभी इस्लामिक स्थलों को नष्ट करने की बात को स्वीकार नहीं किया.
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