बांग्लादेश में हिंदुओं के बाद ईसाइयों को बनाया जा रहा निशाना! क्रिसमस के दिन कट्टरपंथियों ने 17 घरों को फूंका
Bangladesh: बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने क्रिसमस जैसे बड़े पर्व के दिन ईसाइयों के लगभग 17 घरों को आग के हवाले कर दिया. इस घटना को बंदरबन जिले के लामा क्षेत्र में अंजाम दिया गया.
Bangladesh Christian community: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में पहले जहां हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा था तो वहीं अब वहां रहने वाले दूसरे अल्पसंख्यक समूहों के साथ भी हिंसा शुरू हो गई है. इस बार इस्लामिक कट्टरपंथियों ने क्रिसमस के दिन ईसाइयों के लगभग 17 घरों को आग के हवाले कर दिया. इस घटना को बंदरबन जिले के लामा क्षेत्र में अंजाम दिया गया. ये हमला 25 दिसंबर की सुबह हुआ, जब गांव के लोग क्रिसमस मनाने के लिए पड़ोसी गांव में प्रार्थना के लिए गए थे. यह हमला ईसाई समुदाय पर अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक टोंगजिरी क्षेत्र के न्यू बेटाचरा पारा गांव के लोग चर्च न होने के कारण दूसरी जगह फेस्टिवल को सेलिब्रेट करने के लिए गए हुए थे. तभी उनके पीठ पीछे उपद्रवियों ने गांव में पर हमला कर दिया और 17 घरों को पूरी तरह जला दिया. इस हमले में 15 लाख टका से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है.
18 houses belonging to the Bangladeshi Minority Christian Indian Tripura community, were torched by ISI🇵🇰 backed Jamaat-e-Islami cadres in the Notun Betchhara Para of Lamar Sarai Union in Bandarban, Lama #Bangladesh🇧🇩 when the indigenous villagers were celebrating #Christmas2024 pic.twitter.com/3aZaoIvAem
— Subcontinental Defender 🛃 (@Anti_Separatist) December 25, 2024
पहले से दी जा रही थीं धमकियां
न्यू बेटाचरा पारा गांव के लोगों ने ढाका ट्रिब्यून को बताया कि बीते महीने 17 नवंबर को उपद्रवियों ने उन्हें गांव खाली करने की धमकी दी गई थी. इस पर गंगा मणि त्रिपुरा नामक व्यक्ति ने 15 आरोपियों के खिलाफ लामा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि, पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब घर जलने के बाद पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. गंगा मणि त्रिपुरा ने कहा, "हमारे घर पूरी तरह जल चुके हैं. हमारे पास अब कुछ भी नहीं बचा है."
पीढ़ियों से गांव में रह रहे हैं पीड़ित
त्रिपुरा समुदाय के लोग दावा करते हैं कि वे इस जगह पर कई पीढ़ियों से रह रहे हैं. लेकिन हाल के कुछ सालों में उन्हें वहां से हटाने की कोशिशें तेज हो गई हैं. कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि सरकार ने यह जमीन एक पुलिस अधिकारी और पूर्व आईजीपी बेनजीर अहमद को पट्टे पर दे दी है. पहले यहां एसपी गार्डन हुआ करता था.
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