नई दिल्ली: गाड़ियों में डीजल इंजन को लेकर गलत जानकारी देने के आरोप में फॉक्सवैगन के ऑडी डिवीजन के सीईओ रूपर्ट स्टैडलर को गिरफ्तार कर लिया गया है. कंपी ने प्रवक्ता ने कहा, "हम पुष्टि करते हैं कि स्टैडलर को आज सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें हिरासत में रखने के मामले में सुनवाई जारी है." बता दें कि यह मामला सितंबर 2015 का है. पूरी जांच में करीब 20 से ज्यादा लोग शक के घेरे  में हैं.


रूपर्ट स्टैडलर और कंपनी के एक दूसरे अधिकारी पर इमिशन टेस्टिंग (प्रदूषण जांच) में गड़बड़ी धोखाधड़ी और झूठे विज्ञापन देने का आरोप है. सराकारी पक्ष का कहना है कि वो सबूत मिटाने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया. वहीं दूसरी ओर जैसे ही रूपर्ट स्टैडलर की गिरफ्तारी की खबर सामने आई कंपनी के शेयर 2.6% तक की गिरावट दर्ज की गई.


आरोपों के मुताबिक रूपर्ट स्टैडलर और उनके साथ ने धोखाधड़ी के लिए ऐसे जाली दस्तावेज तैयार किए जिससे इंजल में गड़बड़ी वाली गाड़ियां बेंचने की इजाजत मिल गई. कंपनी पर आरोप है कि उनसे फॉक्सवैगन, पोर्श और ऑडी जैसी एक करोड़ से ज्यादा कारों में ऐसा सॉफ्टवेयरक लगाया जिसमें प्रदूषण की जांच के नतीजे सही नहीं आते थे. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने रूपर्ट स्टैडलर ने माना था कि ऑडी ए6 और ए7 मॉडल की 60,000 कारों में प्रदूषण के स्तर को छिपाने के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है.


कंपनी ने ऐसा क्यों किया?
दरअसल अमेरिका और कुछ अन्य देशों ने 2009 में गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को लेकर नियम सख्त कर दिए थे. इन नियमों को ना मानने पर कंपनी पर जुर्माने का भी प्रावधान था. इसी से बचने के लिए कंपनी ने गाड़ियों में ऐसा सॉफ्टवेयर लगा दिया जो प्रदूषण जांच के समय गलत नतीजे बताता था.