मेलबर्न: आस्ट्रेलिया सरकार ने देश में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिये विदेशियों को दी जाने वाली लोकप्रिय कार्य वीजा व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला किया है. सरकार इसके स्थान पर अब नई कड़ी वीजा प्रणाली लायेगी जिसमें अंग्रेजी भाषा की कुशलता और रोजगार कौशल को देखा जायेगा.


अब तक जो वीजा व्यवस्था है उसका इस्तेमाल 95,000 विदेशी कामगार कर रहे हैं जिनमें ज्यादातर भारतीय इसका लाभ उठा रहे हैं.


इस कार्यक्रम को 457 वीजा के नाम से जाना जाता है. इसके तहत कंपनियों को उन क्षेत्रों में चार साल तक विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति थी जहां कुशल आस्ट्रेलियाई कामगारों की कमी है.


प्रधानमंत्री मैलकॉम टर्नबुल ने कहा ‘‘हम आव्रजन देश हैं लेकिन यह सच्चाई है कि आस्ट्रेलियाई रोजगारों पर आस्ट्रेलिया के लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. इसीलिए हम 457 वीजा समाप्त कर रहे हैं. इस वीजा के जरिये अस्थायी तौर पर विदेशी कर्मचारी हमारे देश में आते हैं.’’ इस श्रेणी के वीजा रखने वालों में ज्यादातर भारतीय हैं. इस वीजा में आने वाले कुल कर्मचारियों में से करीब एक चौथाई भारतीय हैं जबकि उसके बाद 19.5 प्रतिशत ब्रिटेन और 5.8 प्रतिशत के साथ चीन का स्थान है.


उन्होंने कहा, ‘‘हम 457 वीजा को रोजगार का पासपोर्ट होने की अनुमति अब नहीं देंगे और ये रोजगार आस्ट्रेलियाई लोगों के लिये होने चाहिए.’’


एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार 30 सितंबर की स्थिति के अनुसर आस्ट्रेलिया में 95,757 कर्मचारी 457 प्राथमिक वीजा कार्यक्रम के तहत काम कर रहे थे जबकि 76,430 के पास ऐसा द्वितीयक वीजा है जो कि उनके परिवार के सदस्य हैं.


अब इस कार्यक्रम की जगह दूसरा वीजा कार्यक्रम लाया जाएगा जिसमें नई कड़ी शर्त रखीं जायेंगी.


टर्नबुल ने कहा कि नया कार्यक्रम यह सुनिश्चित करेगा कि विदेशी कर्मचारी उन क्षेत्रों में काम करने के लिये आस्ट्रेलिया आयें जहां कुशल लोगों की काफी कमी है. न कि केवल इसीलिए आयें कि नियोक्ता को आस्ट्रेलियाई कामगारों के बजाए विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करना आसान है.


प्रधानमंत्री ने यह घोषणा हाल ही में भारत यात्रा से लौटने के बाद की है. वहां उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक उपायों, शिक्षा तथा उर्जा पर चर्चा की और 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये.


आस्ट्रेलिया के वीजा पर कदम के नतीजों की समीक्षा कर रहा है भारत
आस्ट्रेलिया द्वारा लोकप्रिय कार्य वीजा को समाप्त करने के फैसले के नतीजों की भारत समीक्षा कर रहा है. इस वीजा का इस्तेमाल 95,000 विदेशी पेशेवरों द्वारा किया जाता है. इनमें ज्यादातर भारतीय हैं. भारत ने कहा है कि इस मुद्दे पर मुक्त व्यापार वार्ता के परिप्रेक्ष्य से भी देखा जाएगा.


इस कार्यक्रम को 457 वीजा कहा जाता है. इसमें आस्ट्रेलिया में कंपनियों को कौशल वाली नौकरियों में विदेशी कर्मचारियों की चार साल की अवधि के लिए नियुक्ति की अनुमति होती है. इस तरह के रोजगार में आस्ट्रेलियाई कर्मचारियों की कमी है.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, ‘‘सरकार सभी अंशधारकों के साथ विचार विमर्श में नई नीति के नतीजों की समीक्षा कर रही है. बड़े आर्थिक सहयोग करार (सेसा) वार्ताओं के परिप्रेक्ष्य में भी हम इसे देख रहे हैं.’’ सरकार के 457 वीजा को समाप्त करने के फैसले की घोषणा करते हुए आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने कहा कि उनका देश हालांकि इमिग्रेशन वाला राष्ट्र है, लेकिन तथ्य यह है कि आस्ट्रेलियाई नौकरियों में आस्ट्रेलियाई लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए.