ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पास कर लिया है. यह कदम देश में सोशल मीडिया के बच्चों पर मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उठाया गया है. इस कानून के तहत, तकनीकी कंपनियों जैसे मेटा (इंस्टाग्राम, फेसबुक), टिकटॉक को अपने प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों के अकाउंट्स को ब्लॉक करना होगा, अन्यथा उन्हें 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक का जुर्माना भुगतना पड़ेगा. यह प्रतिबंध अगले एक साल में पूरी तरह लागू होगा.


कानून का समर्थन और विरोध


इस नए कानून का समर्थन प्रधानमंत्री एंथनी अल्बेनीज के नेतृत्व में हुआ है, जिन्हें आगामी चुनाव में जनता के बीच अपनी छवि सुधारने का मौका मिल सकता है. हालांकि, इसका विरोध करने वालों में गोपनीयता अधिकारों के पैरोकार और बाल अधिकार समूह शामिल हैं, जो इसे बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं. बावजूद इसके, हाल के जनमत सर्वेक्षणों में 77% ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने इस कानून का समर्थन किया है.


ऑस्ट्रेलिया का यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बना है. खासकर अमेरिका में इस कानून पर आलोचना की जा रही है. ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने इसे इंटरनेट पर ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की स्वतंत्रता को नियंत्रित करने का तरीका बताया है. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के कारण इस कानून को लेकर नई राजनीतिक जटिलताएँ भी सामने आ सकती हैं.


समर्थन और चुनौतियां


कानून का समर्थन करते हुए बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वालों ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे युवा और अधिक तकनीकी रूप से स्मार्ट हो सकते हैं और वे प्रतिबंधों को आसानी से दरकिनार कर सकते हैं.


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