Australia-India Relations: कनाडा (Canada) ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया है. इन आरोप पर ऑस्ट्रेलिया (Australia) चिंतित है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग के एक प्रवक्ता का कहना है कि उनकी सरकार ने इस मुद्दे को बड़े लेवल पर उठाया है. वो इस मामले में चल रही जांच को नोट कर रहें हैं. वो विकास से जुड़े कामों के लिए साझेदारों के साथ निकटता से जुड़े हुए हैं. उन्होंने टॉप लेवल पर अपनी चिंताओं को लेकर भारत को अवगत करा दिया है.
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई और कनाडाई अधिकारी फ़ाइव आइज़ समझौते के माध्यम से खुफिया जानकारी साझा करते हैं, हालांकि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या उसे ओटावा के संदेह के बारे में पता था जब प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने जी 20 के लिए यात्रा की थी.
भारतीय राजनयिक को निष्कासित किया
कनाडा ने मंगलवार (19 अगस्त) को एक उच्च भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का असाधारण कदम उठाया, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि इस बात के विश्वसनीय सबूत हैं कि भारतीय अधिकारी जून में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की गोलीबारी से जुड़े हुए हैं. ट्रूडो ने सोमवार को संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस’ में अपने संबोधन में कहा, ‘‘कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट की संलिप्तता के पुख्ता आरोपों की कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां पूरी सक्रियता से जांच कर रही हैं.’’
आपको बता दें कि जून के महीने में ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर हरदीप सिंह निज्जर को गोली मार दी गई थी. वो प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था.
'भारत एक लोकतांत्रिक देश है'
भारत ने मंगलवार को ट्रूडो के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके आरोप बेतुके और बेबुनियाद है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कनाडा में हिंसा के किसी भी काम में भारत की संलिप्तता के आरोप बेतुके और बेबुनियाद हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री से बातचीत में भी इसी तरह के आरोप लगाए थे, जिन्हें सिरे से खारिज कर दिया गया था. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जो कानून के शासन के लिए प्रतिबद्ध है.”
इंटरपोल दे चुका था रेड कॉर्नर नोटिस
भारत ने कनाडा में रह रहे निज्जर को जुलाई 2020 में कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UPA) के तहत आतंकवादी घोषित किया था. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने सितंबर 2020 में देश में निज्जर की संपत्ति कुर्क की थी. इंटरपोल ने 2016 में निज्जर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था. सरे की स्थानीय पुलिस ने निज्जर को आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के संदेह में 2018 में अस्थायी रूप से नजरबंद किया था, लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया था.