कोरोना महमारी और लॉकडाउन का खामियाजा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को काफी उठाना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की लोकप्रियता सबसे निचले स्तर पर आ गई है. ऑस्ट्रेलियाई मतदाता अपनी सरकार के धीमे वैक्सीनेशन रोल आउट और लॉकडाउन से थक गए हैं. स्कॉट की घटी लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण भी यही बना है.


ऑस्ट्रेलिया में प्रकाशित एक न्यूजपोल सर्वेक्षण के अनुसार कोरना संकट से निपटने के लिए मॉरिसन के लिए समर्थन पिछले साल अप्रैल में 85% से गिर गया, जब महमारी से बचाव के लिए उनकी सरकार ने सीमा पर सख्त नियंत्रण रखा और वायरस से होने वाली मौतों को 1000 से नीचे रखने में मदद की तब 48% हो गई. यह न्यूजपोल सर्वेक्षण 4 से 7 अगस्त तक ऑस्ट्रेलिया भर में 1527 लोगों के बीच आयोजित किया गया था.


वहीं सत्ता पर काबिज स्कॉट मारिसन की विपक्ष के नेता एंथनी अल्बनीज पर बनी बढ़त भी कोरोना के शुरूआत के बाद से सबसे निचले स्तर पर चली गई है. इससे गठबंधन में शामिल सांसद भी परेशान है. मई में होने वाले चुनाव के पहले मॉरिसन की लेबर सत्तारुढ़ गठबंधन को 6% प्रतिशत का नुकसान हुआ है. सत्तारूढ़ गठबंधन 53 से 47 प्रतिशत की बढ़त बनाए रखता है.


मॉरिसन सरकार का कहना है कि इस साल के अंत तक देश के सभी व्यसकों को कोरोना वैक्सीन की एक डोज लगा दी जाएगी. वहीं देश के अभी भी दो बड़े शहरों में लॉकडाउन लगा हुआ है और लोगों को घर पर रहने का आदेश दिया गया है.


अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में कुल आबादी के आधे हिस्से को पूर्ण टीकाकरण कर लिया है और देश के ज्यादातर हिस्सों को अनलॉक कर दिया है. वहीं ऑस्ट्रेलिया में कुल आबादी के सिर्फ 17% लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज मिल सकी है. इस कारण टीकाकरण के लिहाज से विकसित देशों की तुलना में ऑस्ट्रेलिया आखिरी स्थान पर है.


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