कैनबराः ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उनकी सरकार हांगकांग के उन निवासियों को पनाह मुहैया कराने पर विचार कर रही है जिन्हें चीन की ओर से लागू अर्द्ध-स्वायत्त क्षेत्र में सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के चीन के कदम से खतरा है. चीन ने हाल ही में हांगकांग में लागू होने वाले नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू किया था, जिसे वहां के निवासियों की स्वायत्ता में दखल और विरोध की आवाजों को दबाने वाला कानून माना जा रहा है.
समर्थन के लिए तैयार ऑस्ट्रेलिया
मॉरिसन ने गुरुवार को कहा कि उनका मंत्रिमंडल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरह के ही अवसर मुहैया कराने पर जल्द ही विचार करेगा. बोरिस जॉनसन ने हांगकांग वासियों को नागरिकता की पेशकश की है.
मॉरिसन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘जब हम इस पर अंतिम निर्णय ले लेंगे तो मैं आपको बताऊंगा. लेकिन अगर आप पूछ रहे हैं कि हम समर्थन देने की तैयारी कर रहे हैं, तो जवाब है: हां.’’
ब्रिटेन ‘ब्रिटिश राष्ट्रीय विदेशी पासपोर्ट’ के पात्र हांगकांग के 30 लाख निवासियों को आवासन अधिकार दे रहा है, जिससे वह पांच वर्षों के लिए ब्रिटेन में रह और काम कर सकेंगे.
गलत रास्ते पर चलने से बचे ऑस्ट्रेलियाः चीन
ऑस्ट्रेलिया हांगकांग निवासियों को अस्थायी सुरक्षा वीजा दे सकता है जिससे वहां के शरणार्थी देश में तीन वर्षों तक रह सकेंगे. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने ऑस्ट्रेलिया से इस सुरक्षा कानून को ‘‘उचित तथा निष्पक्ष’ परिदृश्य में देखने का अनुरोध किया.
उन्होंने बीजिंग में पत्रकारों से कहा, ‘‘हांगकांग को आड़ बनाकर चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करिए और गलत रास्ते पर चलने से बचिए.’’
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