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अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच चल रहा युद्ध हुआ गंभीर, रूस और तुर्की की हलचल से वैश्विक माहौल हुआ और तनावपूर्ण

अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच जंग बुधवार को उस समय से बढ़ गई थी जब अजरबैजान के बर्दा शहर में रिहायशी इलाकों पर हमला हुआ. ऐसे में एक बार फिर स्टेपेनकर्ट में भारी गोलाबारी हुई है.

अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच तनाव अब अपने चरम पर पहुंच चुका है और इसके कम होने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं. इस बीच बड़ी खबर आ रही है कि नागोर्नो-काराबख के स्टेपेनकर्ट में रातभर गोलाबारी हुई है. गौरतलब है कि अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच जंग बुधवार को उस समय से बढ़ गई थी जब अजरबैजान के बर्दा शहर में रिहायशी इलाकों पर हमला हुआ. ऐसे में एक बार फिर स्टेपेनकर्ट में भारी गोलाबारी हुई है. नागोर्नो काराबख अजरबैजान का वही हिस्सा है जिसको वापस लेने के लिए जंग हो रही है.

युद्ध कैसे नरसंहार में बदल गया

बुधवार को अजरबैजान के बर्दा शहर पर हुए हमले के बाद तनाव चरम पर पहुंच चुका है. बीते हफ्ते अमेरिका की दखल के बाद रिहायशी इलाकों में हमले ना करने को लेकर हुए सीजफायर के एलान के बावजूद दोनों तरफ से हमले भी हुए और इसे लेकर इनकार भी. इस बीच आर्मेनिया ने दावा किया है कि उसने अजरबैजान की सेना की तरफ से इस्तेमाल किए जा रहे तुर्की के दो टीबी-टू यूसीएवी ड्रोन को मार गिराया है. वहीं ड्रोन के मार गिराने पर अजरबैजान की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.लेकिन तुर्की के इसी ड्रोन से अजरबैजान ने पहले आर्मेनिया के कम से कम पांच सौ सैनिकों को मारने का दावा किया था. ऐसे में अगर बैरक्तर ड्रोन गिराने का दावा सही है तो फिर तुर्की भी कोई कदम उठा सकता है.

ईरान की सीमा के पास रूस ने तैनात की सेना

इदर  बढ़ते तनाव के बीच रूस के एक कदम ने भी खलबली मचा दी है. नागोर्नो से लगती तुर्की और ईरान की सीमा के पास रूसी सैनिकों की तैनाती की खबर भी आ रही है. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का कहना है कि मामले का ऐसा हल निकालना चाहिए जिस पर दोनों देश सहमत हों. रूस का नाम लिए बिना अजरबैजान ने इशारों में चेतावनी भी दे दी है. अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘मध्यस्थता करने वाले को निष्पक्ष होना जरूरी है वरना मध्यस्थता की बात बेमानी है’.

जरबैजान पर जातीय नरसंहार का आरोप

वहीं अजरबैजान का आरोप है कि बर्दा में आर्मेनिया में स्मर्च मिसाइल और क्लस्टर बम दागे हैं. जिसमें बच्चों समेत 21 लोगों की जान चली गई है. आर्मेनिया के पीएम निकोल पशनियन ने भी अजरबैजान पर जातीय नरसंहार का आरोप लगाया है.  वहीं बर्दा पर हुए हमले के बाद अजरबैजान ने भी हमले तेज कर दिए हैं. अजरबैजान ने नागोर्नो के गुबादिल को आजाद करवाने का दावा करते हुए वीडियो जारी किया है. रणनीतिक रूप से अहम गुबादिल को लेकर आर्मेनिया ने मुहर लगा दी है.

रूस और तुर्की की हलचल से माहौल और तनावपूर्ण

 अजरबैजान अब बर्दा में नागरिकों पर हमले को लेकर आर्मेनिया को घेर रहा है तो आर्मेनिया अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड पर हमले को लेकर अजरबैजान पर तल्ख हो रहा है. बता दें कि अजरबैजान के हमले में गुरुवार को आर्मेनिया के  51 और सैनिक मारे गए हैं जिससे अब आर्मेनिया  के मरने वाले सैनिकों की संख्या बढ़कर 1 हजार 1 सौ उन्नीस हो गई है .फिलहाल अजरबैजान अपने हिस्से नागोर्नो-काराबख को वापस लेने के लिए जंग कर रहा है और आर्मेनिया भी इस बात पर अड़ा है कि वो आखिरी सांस तक लड़ेगा.  27 सितंबर से जारी इस युद्ध में अब तक हजारों से ज्यादा जानें चली गई हैं. वहीं रूस और तुर्की की ताजा हलचल से माहौल और तनावपूर्ण हो गया है.

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