नई दिल्ली: मुंबई यहूदी केंद्र में रहने वाला बच्चा मोशे होल्त्जबर्ग 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में बच निकला था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जुलाई में इज़राइल के दौरे के दौरान मोशे से मिले और उसे भारत आने का न्यौता दिया था. अब वो नेतन्याहू के साथ भारत आया है.
मोशे ने मुंबई में चबाद हाउस की यात्रा की ख्वाहिश जाहिर की थी. अब उसकी ख्वाहिश पूरी हो रही है. वो अब प्रधानमंत्री नेतन्याहू के मुंबई के चाबद हाउस के एक समारोह में नजर आएँगे.
चाबद हाउस वही जगह है जहां कई भारतीयों के साथ बेबी मोशे ने भी अपने माता-पिता रब्बी गवेरियल और रिवाका होल्त्ज़बर्ग को खो दिया था. मोशे के माता-पिता चाबद हाउस के निदेशक थे. 2008 के आतंकवादी हमलों में चबाद हाउस भी निशाना बना था. इन हमलों में 164 लोग मारे गए थे.
कैसे बच निकला था बेबी मोशे
एक ओर जहां काफी लोग मारे गए थे वहीं बेहद चौंकाने वाली स्थिति में बेबी मोशे बच निकला था. दरअसल हमले में मारे गए अपने माता-पिता के मृत शरीर के बीच खड़ा था. बच्चे की नानी ने उसे उठाया और इमारत के बाहर ले गईं.
इस इमारत को 'नरिमन हाउस' भी कहा जाता है, जो पुनर्निर्माण के बाद 2014 में फिर से खोला गया. मोशे अब यरूशलेम से लगभग 90 किमी दूर अपने दादा दादी के साथ आफ़ल नाम के शहर में रहता है
प्रधानमंत्री मोदी से जताई थी भारत आने कि इच्छा
प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल जुलाई में इज़राइल की अपनी यात्रा के दौरान मोशे से मिलने पहुँचे थे और युवा लड़के की मुंबई की यात्रा की योजनाओं की बात सुनी थी. मोशे ने मोदी से कहा था कि "मुझे उम्मीद है कि मैं मुंबई की यात्रा करने में सफल हो जाऊंगा. जब मैं वहां रहूँगा मैं चाबद हाउस का निदेशक बनूंगा,"
प्रधान मंत्री मोदी ने मोशे को आश्वासन देते हुए कहा था कि, "कभी भी आप भारत में आ सकते हैं. कभी भी आप जा सकते हैं" मोशे के दादा ने तब 13 साल की उम्र हो जाने के बाद चबाद हाउस पर जाने की योजना की बात कही थी.