इस देश की संसद में हालात हुए बेकाबू, विपक्षी सांसद ने संगोल को खिड़की से बाहर फेंका
Sengol Controversy: बहामास की संसद में विपक्षी सांसद ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए सेंगोल को खिड़की से बाहर फेंक दिया जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव और हिंसा बढ़ी.
सेंगोल शासन और प्रशासन में अपने प्रतीकात्मक महत्व के लिए जाना जाता है. यह एक ऐसा प्रतीक है जो किसी भी शासन का इकबाल और उसके अधिकार को स्थापित करता है. हाल ही में भारत में नई संसद भवन में भी सेंगोल को स्थापित किया गया है जो लोकतंत्र की स्थिरता और शासन की प्रतिष्ठा को दर्शाता है. हालांकि इसके महत्व और वर्तमान लोकतंत्र में इसकी आवश्यकता पर कुछ बहसें जारी हैं. हम आज एक ऐसी घटना पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो अफ्रीकी देश बहामास की संसद में हुई.
गुरुवार (5 दिसंबर) को बहामास की संसद में एक अजीब और चौंकाने वाली घटना घटी. संसद में एक विरोधी सांसद ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए सदन में रखा गया सेंगोल उठाया और उसे खिड़की से बाहर फेंक दिया. यह घटना केवल एक प्रतीकात्मक विरोध नहीं था बल्कि इसने बहामास के लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच के संघर्ष को और भी जटिल बना दिया.
संसद के डिप्टी स्पीकर और पुलिस अधिकारी को लगी चोट
सेंगोल को फेंकने के बाद संसद में हंगामा मच गया. विपक्ष के डिप्टी नेता शानेनडोन कार्टराइट को पुलिस और संसद के अधिकारियों ने पकड़ने की कोशिश की जिसके दौरान संसद के डिप्टी स्पीकर को काफी चोटें आई और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा. साथ ही एक पुलिस अधिकारी को भी पैर में चोट आई. यह घटनाक्रम संसद में तनाव का कारण बन गया और स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो गई.
अमेरिकी मुद्दे पर छिड़ा बहस
इस पूरे घटनाक्रम के पीछे एक अमेरिकी मसला था जिसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो रही थी. रिपोर्ट के अनुसार बहामास की पुलिस पर अवैध ड्रग्स तस्करी के आरोप थे और विपक्ष इस मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा था. हालांकि स्पीकर ने विपक्षी नेताओं को बोलने की अनुमति नहीं दी जिससे ये बहस और बढ़ गई. ऐसे में यह घटना बहामास के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में मानी जा रही है. क्योंकि इससे पहले 1965 में भी एक विपक्षी नेता ने सेंगोल को फेंक दिया था जिसे "ब्लैक ट्यूजडे" के नाम से जाना जाता है.