Balochistan Protest: पाकिस्तान की तानाशाही! बलूचिस्तान में विरोध प्रदर्शन करने पर लगी रोक, एक पुलिसकर्मी की मौत
Pakistan के ग्वादर शहर में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी. इस बारे में आधिकारिक बयान अब जारी किया गया है.
Pakistan News: पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) में प्रांतीय सरकार ने बंदरगाह शहर ग्वादर (Gwadar Sea Port) में कर्फ्यू लगा दिया है. एक अधिकारिक स्टेटमेंट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई कि इस सप्ताह के दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ हुए हिंसक संघर्ष में एक पुलिसकर्मी की मौत के बाद शहर में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही कर्फ्यू लागू कर दिया है. शहर में धारा 144 के तहत अब रैली, धरने, पांच से अधिक लोगों का सार्वजनिक जमावड़ा और किसी भी हथियार का प्रदर्शन करने पर रोक है.
मौलाना हिदायतुर रहमान के नेतृत्व में हक दो तहरीक (HDT) नामक संगठन से जुड़े प्रदर्शनकारी लगभग दो महीने से स्थानीय मछुआरों की जगह मशीनीकृत नौकाओं के जरिये अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इलाके के स्थानीय मछुआरे अपनी आजीविका के लिए पीढ़ियों से मछली पकड़ने के व्यापार पर निर्भर हैं.
#Gwadar: clashes taking place between Baloch protesters and Pakistani security forces as protests against illegal fishing turns violent after protest leaders were arrested.
— Fazila Baloch🌺☀️ (@IFazilaBaloch) December 27, 2022
Balochistan is not Pakistan. pic.twitter.com/DwJyLYcScr
विरोध प्रदर्शन पहले शांतिपूर्ण हो रहा था लेकिन इस हफ्ते यह हिंसक हो गया. प्रदर्शन हिंसा में तब बदल गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने और हटाने की कोशिश की. जिसके परिणामस्वरूप झड़पें हुईं. इस दौरान मंगलवार को एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई थी.
'विरोध का नहीं है कोई कारण'
पुलिस प्रवक्ता असलम खान ने बताया कि हाशमी चौक पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद कांस्टेबल यासिर के गले में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. बलूचिस्तान के गृह मंत्री मीर जियाउल्लाह लैंगोव ने कहा कि प्रांतीय सरकार ने पहले ही एचडीटी की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है और विरोध का कोई कारण नहीं है.
इससे पहले बलूचिस्तान में सेना और तहरीक-ए-तालिबान के बीच हुए हमले की निंदा करते हुए बलूचिस्तान के सीएम अब्दुल कुदूस बिजेन्जो ने कहा था कि पिछले कुछ हफ्तों से बलूचिस्तान में तालिबान के हमले बढ़ गए.
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