Imran Khan Case Row: अभद्र भाषा मामले में इमरान खान को राहत, गैर-जमानती अरेस्ट वारंट दो हफ्ते के लिए सस्पेंड
Imran Khan: इमरान खान ने क्वेटा में दर्ज FIR के खिलाफ बलूचिस्तान हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका में तर्क दिया गया था कि पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ मामला अवैध रूप से दर्ज किया गया है
Imran Khan Non-Bailable Arrest Warrant: बलूचिस्तान हाई कोर्ट (BHC) ने शुक्रवार (10 मार्च) को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को दो सप्ताह के लिए सस्पेंड कर दिया. उन पर राज्य के संस्थानों के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था.
बलूचिस्तान (Balochistan) हाई कोर्ट के जज जहीरुद्दीन कक्कड़ ने पूर्व प्रधान के तरफ से दायर याचिका की अध्यक्षता की. इससे संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है. वहीं वकीलों को अगली सुनवाई में हलफनामा पेश करने का ऑर्डर दिया.
बलूचिस्तान हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
इमरान खान ने क्वेटा में दर्ज FIR के खिलाफ बलूचिस्तान हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका में तर्क दिया गया था कि पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ मामला अवैध रूप से दर्ज किया गया है. अदालत से अनुरोध करते हुए कहा कि प्रांतीय राजधानी के बिजली रोड पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले को खारिज करें.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ मामले को खारिज करने के अनुरोध को दाखिल करने के मौके पर पूर्व पीएम और पीटीआई के प्रांतीय अध्यक्ष कासिम खान सूरी की कानूनी टीम भी मौजूद थी. इस हफ्ते की शुरुआत में इमरान के खिलाफ एक नागरिक की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें उस पर राज्य के संस्थानों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था.
अनुरोध को खारिज कर दिया था
नवा किल्ली के रहने वाले खलील काकर ने इमरान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई और यह भी बताया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए बलूचिस्तान पुलिस लाहौर रवाना हो गई है. राज्य के संस्थानों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में पीटीआई सदस्यों आजम स्वाति और शाहबाज़ गिल के खिलाफ इसी तरह की प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
हालांकि, बाद में उन मामलों को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था. इस्लामाबाद पुलिस की एक टीम 5 मार्च को कोर्ट के आदेश पर इमरान को गिरफ्तार करने के लिए लाहौर भी गई थी, लेकिन पीटीआई प्रमुख गिरफ्तारी से बच गए थे. इसके बाद गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने के लिए इमरान ने जिला और सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, सेशन कोर्ट के जज ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था और वारंट को बरकरार रखा था.
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