संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव पर चिंता जताते हुए भारत और पाकिस्तान से बातचीत के माध्यम से अपने मतभेदों को सुलझाने का एक बार फिर आग्रह किया है. बान का कार्यकाल इस माह खत्म हो रहा है.
बान के उप प्रवक्ता फरहान हक ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि बान दक्षिण एशियाई पड़ोसियों को शांतिपूर्ण ढंग से और बातचीत के माध्यम से विवादों को निपटाने के लिए प्रयास जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं.
हक से एक पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल किया कि बान कभी कश्मीर मुद्दे और नियंत्रण रेखा पर भारतीय इलाके में मानवाधिकारों की स्थिति पर मुखर नहीं होते हैं और न ही मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त जैद राद अल हुसैन की तरफ से जांचकर्ताओं को भेजने की मांग का समर्थन करते हैं.
हक ने बान की तरफ से कश्मीर मुद्दे की अनदेखी की बात को खारिज करते हुए कहा, "मैं आपसे इस बात पर असहमत हूं. हमारे पास भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति पर, विशेष रूप से कश्मीर की स्थिति पर बयान हैं."
उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि महासचिव का एक बहुत स्थिर रुख रहा है. एक तथ्य यह है जो हमने पिछले महीने व्यक्त किया था कि वह नियंत्रण रेखा पर हाल के तनावों से चिंतित हैं. बान लगातार शांतिपूर्ण ढंग से दोनों देशों को मतभेदों को दूर करने के अपने प्रयासों को जारी रखने और संवाद के माध्यम से उन्हें हल करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं."
सुरक्षा परिषद और महासभा की तरह संयुक्त राष्ट्र के अन्य निकायों ने भी पाकिस्तान के कश्मीर मुद्दे को उठाने के प्रयासों को दरकिनार किया है.
जैद अकेले ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने कश्मीर मुद्दे में रुचि दिखाई है. उन्होंने सितंबर में 'एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और अंतर्राष्ट्रीय मिशन के लिए कश्मीर में उनके कार्यालय से एक टीम भेजने के अनुरोध' का जवाब नहीं देने के लिए भारत की आलोचना की थी.