शिकायत के मुताबिक मुस्लिमउद्दीन 1970 में आवामी लीग के टिकट पर पाकिस्तान प्रांतीय सभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे लेकिन जब मुक्ति संग्राम शुरू हुआ तब उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों का साथ दिया. सांसद की उम्र 60-65 के बीच है. मुक्ति संग्राम के 70 साल के सेनानी जलालुद्दीन ने आरोप लगाया कि सांसद ने पाकिस्तानी सेना के मुखबिर के तौर पर भी काम किया और मयमनसिंह के फुलबड़िया इलाके में कई घरों को जलाने में मुक्ति संग्राम विरोधी तत्वों का नेतृत्व किया था.
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि वे अब शिकायतों की जांच करेंगे और आरोपों के वैध पाए जाने पर सांसद के खिलाफ सुनवाई कराएंगे. मुस्लिमउद्दीन सत्तारूढ़ पार्टी के तीसरे नेता हैं जिनपर युद्ध अपराध का आरोप लगा है. उनमें से एक को मौत की सजा दी गयी और जिसे चुनौती दिए जाने जाने के बाद मामला इस समय देश की सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.