Bangladesh News: बांग्लादेश में सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान आज कल देश में लोगों को देशप्रेम का पाठ पढ़ा रहे हैं. वो लगातार देश की आंतरिक राजनीति में भी दिलचस्पी लेते हुए नजर आ रहे हैं. इसके बाद से आशंका जताई जा रही है कि बांग्लादेश में प्रस्तावित आम चुनावों से पहले एक और बार तख्तापलट हो सकता है. 


बांग्लादेश की जनता इस समय मोहम्मद यूनुस के शासन की अराजकता से परेशान है. सत्ता पाने के बाद उन्होंने जो हसीन सपने दिखाए थे, उसे वो पूरा करने में नाकाम रहे हैं. वहीं, शेख हसीना को सत्ता से हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छात्र नेता का भी मोहम्मद यूनुस से भरोसा उठ गया है. वो भी नई राजनीतिक पार्टी बना रहे हैं. 


सेना प्रमुख ने दी चेतावनी


सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने इसी बीच चेतावनी देते हुए कहा, "अगर लोग अपने मतभेदों ना भुला पाए या एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद ना कर पाए तो देश की संप्रभुता दांव पर लग सकती है. ढाका के रावा क्लब में 2009 में पिलखाना में बीडीआर नरसंहार को याद करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, "अगर आप अपने मतभेदों को भूलाकर साथ मिलकर काम नहीं करते हैं तो एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं तो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता खतरे में पड़ जाएगी. "


सेना देखेगी कानून-व्यवस्था


उन्होंने आगे कहा, "मैंने आप को बता दूं, वरना आप कहेंगे कि मैंने आप को आगाह नहीं किया. जब तक चुनी हुई सरकार नहीं आ जाती, तब तक सेना ही बांग्लादेश की कानून-व्यवस्था को देखेगी." उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की कानून-व्यवस्था को सेना देख रही है और यह तब तक जारी रहेगा, जब तक एक चुनी हुई सरकार नहीं आ जाती है. उनके इस बयान को मोहम्मद यूनुस के लिए खतरे के रूप में देखा जा रहा है. 


जता चुके हैं सैन्य विद्रोह की आशंका 


इससे पहले सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने सैन्य विद्रोह की आशंका भी जताई थी.  ढाका के रावा क्लब में 2009 के क्रूर पिलखाना नरसंहार के शहीदों की याद में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि अगर कोई मुद्दा या समस्या है तो उसे बात करके सुलझाना चाहिए. बिना किसी मकसद के इधर-उधर भागने से नुकसान ही उठाना पड़ता है. गौरतलब है कि 25 फरवरी 2009 को बांग्लादेश में खूनी सैन्य विद्रोह हुआ था, जिसे बांग्लादेश राइफल विद्रोह या पिलखाना नरसंहार के रूप में भी जाना जाता है. इस दौरान ढाका में बांग्लादेश राइफल्स (BDR) की एक यूनिट ने विद्रोह कर दिया था.