Rohingya Refugees: बांग्लादेश को सताने लगा रोहिंग्या शरणार्थियों का डर, चीन से लगाई मदद की गुहार
Rohingya News: 2017 में म्यांमार में तख्ता पलट के बाद शुरू हुई हिंसा के बाद से करीब एक लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांग्लादेश में शरण ली हुई है.
Bangladesh Rohingya Refugees: बांग्लादेश में एक बार फिर से रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya Refugees) का मामला जोर पकड़ने लगा है. बांग्लादेश ने अब इस मसले पर चीन (China) से मदद की गुहार लगाई है. दरअसल, चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi) बांग्लादेश की यात्रा पर पहुंचे थे. बांग्लादेश ने चीनी विदेश मंत्री की इस यात्रा के दौरान उनसे रोहिंग्या शरणार्थियों की म्यांमार वापसी में मदद करने का अनुरोध किया.
बंग्लादेश चाहता है कि चीन रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षित वापसी और उनके पुनर्वास (Myanmar) में उनकी मदद करें. बता दें कि इस समय म्यांमार में तख्तापलट के बाद बर्बर नरसंहार के बचकर लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांग्लादेश में शरण ली हुई है. जिसके असर अब बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है. जिसने बांग्लादेश की चिंता बढ़ा दी है.
चीन ने दिया आश्वासन
जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर चीनी समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात की और उनकी सुरक्षित वापसी पर सहमति जताई है. बता दें कि साल 2017 में म्यांमार में तख्ता पलट के बाद शुरू हुई हिंसा के बाद से करीब एक लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांग्लादेश में शरण ली हुई है. बांग्लादेश कहना है कि रोहिंग्या संकट से निपटने के लिए उसे चीन के समर्थन की सख्त आवश्यकता है और चीन भी इस मसले पर बांग्लादेश का सकारात्मक सहयोग दे रहा है.
बता दें कि इससे पहले चीन ने साल 2017 में करीब 70 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों को बांग्लादेश से म्यांमार पहुंचाने के लिए समझौता किया था. जिसके बाद से चीन ने साल 2019 में दो बार रोहिंग्या शरणार्थियों की म्यामांर वापसी का कोशिश की लेकिन बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों ने वहां बर्बर हिंसा के डर से वापस लौटने से इनकार कर दिया था.
बांग्लादेश को इसलिए सता रही चिंता
बांग्लादेश में इन दिनों रोहिंग्या शरणार्थियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है वहीं उनसे जुड़े अपराधों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी देखी गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में स्थानीय आबादी की एक फीसदी की वृद्धि दर के मुकाबले रोहिंग्या आबादी की वृद्धि दर पांच फीसदी है, जिसने बांग्लादेश सरकार की चिंता बढ़ा दी है. वहीं, बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके में पिछले पांच सालों में आपराधिक मामलों में सात गुना की वृद्धि दर्ज की गई है.
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