इंडिया सावधान! IMF से आज उधार मांगने वाला बांग्लादेश कुछ दशक बाद बनेगा बहुत बड़ी ताकत
Bangladesh GDP in 2075: साल 2075 तक बांग्लादेश दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, जबकि पाकिस्तान टॉप 10 में होगा भी नहीं. वहीं, भारत दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा.
India vs Bangladesh Economy: बांग्लादेश में अगस्त महीने में हुए तख्तापलट, राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसात्मक घटनाओं का असर उसकी आर्थिक स्थिति पर भी नजर आ रहा है. शेख हसीना के पीएम पद छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 3 अरब डॉलर की अतिरिक्त मदद की गुहार लगाई थी. 4.7 अरब डॉलर का लोन पहले ही बांग्लादेश को मिल चुका है, जिसकी तीन किस्त भी खाते में पहुंच चुकी हैं. ऐसे हालातों के बावजूद बांग्लादेश को लेकर अनुमान लगाया गया है कि आने वाले समय में वह दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा.
आईएमएफ ने भी 2025 के लिए बांग्लादेश के ग्रोथ रेट में 3.8 फीसदी की बढ़ोतरी की भविष्यवाणी की है. हालांकि, अक्टूबर में आईएमएफ ने 4.5 फीसदी का अनुमान जताया था. इनसाइडर मंकी का कहना है कि अगले 51 सालों में बांग्लादेश भारत के साथ दुनिया की दस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा. रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया की कुल जीडीपी में 1.57 फीसदी की हिस्सेदारी बांग्लादेश की होगी.
इस वक्त बांग्लादेश कुल 437 बिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया में 34वें नंबर पर है, जबकि एशिया में 11वें स्थान पर है. इनसाइडर मंकी का अनुमान है कि 2075 तक बांग्लादेश 10वीं और भारत दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि 51 साल बाद बांग्लादेश की जीडीपी 5.09 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी. हालांकि, ये रिपोर्ट इस साल जून की है.
कहां होगा पाकिस्तान?
पाकिस्तान की बात करें तो मौजूदा समय की तरह 51 साल बाद भी वह भारत और बांग्लादेश से पीछे ही रहेगा. उस वक्त भारत की जीडीपी 52.5 ट्रिलियन डॉलर होगी. अभी भारत 3.385 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ पांचवें नंबर पर है. पाकिस्तान की बात करें तो वह अभी 377 बिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ 41वें नंबर पर है, जबकि 2075 तक उसकी जीडीपी 2.66 ट्रिलियन डॉलर होगी. तब वह 25वें नंबर पर होगा. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मुख्यरूप से कृषि पर निर्भर है, लेकिन अब इसका तेजी से ऑद्योगिकीकरण हो रहा है.
बांग्लादेश में IMF का कितना कर्जा?
बांग्लादेश ने आईएमएफ से 4.7 बिलियन डॉलर का लोन लिया है और तीन किस्तों में अब तक उसे 2.3 बिलियन डॉलर दिय जा चुका है. पिछले साल जनवरी में आईएमएफ ने इस कर्ज के लिए मंजूरी दी थी, लेकिन इस साल अगस्त में शेख हसीना के सत्ता से हटने का तुरंत बाद ही नई सरकार ने 3 बिलियन डॉलर के अतिरिक्त कर्ज की मांग कर डाली. हालांकि, आईएमएफ ने एक बिलियन डॉलर को ही मंजूरी दी है, लेकिन यूनुस सरकार 3 बिलियन डॉलर पर अड़ी है.
बांग्लादेश अगस्त में हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बाद से ही विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है. करीब दो-तीन महीने वहां हिंसात्मक घटनाएं हुईं, जिनमें हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया. जब हिंदुओं पर हमलों को लेकर भारत ने आपत्ति जताई तो बांग्लादेश सरकार ने न तो गौर इस पर गौर किया बल्कि तेवर भी दिखाए, जिसके चलते रिश्ते खराब हो गए. बांग्लादेश में इन हालातों के चलते उसको आलू, प्याज, चीनी, दाल, चावल और कपड़ों समेत रोजमर्रा की चीजों की भी किल्लत होने लगी. भारत बांग्लादेश को 90 से ज्यादा चीजें निर्यात करता है. बांग्लादेश को झारखंड और त्रिपुरा से बिजली की भी आपूर्ति होती है और उस पर कई सौ करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है. त्रिपुरा का 200 करोड़ रुपये और झारखंड में अडानी पावर का 680 करोड़ रुपये का बिल बांग्लादेश को देना है.
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