बांग्लादेश का भारत को लेकर बड़ा बयान, कहा- 'शेख हसीना को दिल्ली से वापस लाने के लिए ढाका...'
Bangladesh Reaction On India: हसीना (77) पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब वह छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के बाद देश से बाहर चली गई थीं.
Bangladesh Reaction On India: बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने बुधवार को कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का प्रत्यर्पण भारत के साथ कई मुद्दों में से एक है जबकि अमेरिका, भारत और चीन के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध अंतरिम सरकार की प्राथमिकताएं हैं.
हसीना (77) पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब वह छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के बाद देश से बाहर चली गई थीं. छात्रों के आंदोलन के कारण उनकी 16 साल पुरानी सरकार गिर गई थी. बांग्लादेश स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य एवं असैन्य अधिकारियों के खिलाफ ‘‘मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार’’ के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
हुसैन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह (हसीना का प्रत्यर्पण) एक मुद्दा है, लेकिन हमारे हित के अन्य मुद्दे भी हैं. हम उन पर भी साथ-साथ काम करेंगे.’’उन्होंने कहा कि दिल्ली से हसीना को वापस लाने और भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए ढाका के प्रयास समानांतर रूप से आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि दोनों ही काम एक साथ आगे बढ़ेंगे.’’
पूर्व राजनयिक हुसैन, जो प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में वास्तविक विदेश मंत्री हैं, ने कहा कि रोहिंग्या संकट से निपटने के साथ-साथ अमेरिका, भारत और चीन के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना 2025 में बांग्लादेश के लिए प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकताएं रोहिंग्या संकट का समाधान करना, उन तीन देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना और स्थिरता सुनिश्चित करते हुए अपने आर्थिक और कूटनीतिक प्रयासों को आगे बढ़ाना है.’’
अमेरिका, भारत और चीन के साथ संबंधों के बारे में जब हुसैन से पूछा गया कि क्या किसी एक देश को दूसरे देश पर कोई विशेष प्राथमिकता दी गई है, तो उन्होंने कहा कि इनमें से कोई भी देश प्राथमिकता सूची में सबसे नीचे नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम इन तीनों देशों के साथ संबंध बनाए रखने को समान प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि हमारे विभिन्न हित इनसे गहराई से जुड़े हुए हैं.’’ उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने में इन देशों के भी अपने हित हैं.
विदेश मामलों के सलाहकार ने उम्मीद जताई कि इस वर्ष के अंत तक इन वैश्विक शक्तियों के साथ ढाका के संबंध और मजबूत हो जायेंगे. अंतरिम सरकार ने हाल में नयी दिल्ली को एक राजनयिक संचार भेजकर भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने यहां कहा कि वे भारत से जवाब का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जवाब मिलने के बाद आगे कदम उठाए जाएंगे. हुसैन ने कहा कि वह विभिन्न मामलों पर द्विपक्षीय चर्चा के लिए 20 जनवरी को बीजिंग जाने की योजना बना रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं साझा मुद्दों पर बात करूंगा.’’ हालांकि उन्होंने बीजिंग दौरे के दौरान चर्चा किए जाने वाले विशिष्ट विषयों पर विस्तार से कुछ नहीं कहा. यह पूछे जाने पर कि क्या ढाका बांग्लादेश की सीमा से लगे म्यांमा के रखाइन प्रांत में तेजी से हो रहे विकास को चुनौती मानता है, हुसैन ने कहा कि ढाका इस नयी उभरी वास्तविकता को स्वीकार करता है.
उन्होंने कहा, ‘‘म्यांमा के रखाइन में स्थिति अत्यंत चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि वहां की जमीनी वास्तविकता बदल गई है.’’