'मुजीब ने नहीं, जियाउर ने की थी आजादी की घोषणा', सत्ता बदलते ही बांग्लादेश की किताबों में बदल दिया गया इतिहास
Bangladesh History: बांग्लादेश की नई नई पाठ्यपुस्तकों में जियाउर रहमान को स्वतंत्रता की घोषणा का श्रेय दिया गया, लेकिन समकालीन स्रोत शेख मुजीब को स्वतंत्रता की घोषणा का श्रेय देते हैं.
Bangladesh liberation War Hintory: बांग्लादेश की नई पाठ्यपुस्तकों में अब लिखा जाएगा कि देश की स्वतंत्रता की घोषणा 1971 में शेख मुजीब रहमान ने नहीं, बल्कि जियाउर रहमान ने की थी. द डेली स्टार के अनुसार नई पुस्तकों में से शेख मुजीबर की राष्ट्रपिता होने की बात को भी हटा दिया गया है. नेशनल करिकुलम एंड टेक्स्टबुक बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर ए.के.एम. रेजुल हसन ने बताया कि 2025 की पाठ्यपुस्तकों में लिखा जाएगा कि 26 मार्च 1971 को जियाउर रहमान ने स्वतंत्रता की घोषणा की और अगले दिन बंगबंधु की ओर से एक और घोषणा की.
जियाउर रहमान बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के संस्थापक और वर्तमान प्रमुख खालिदा जिया के पति थे. वहीं शेख मुजीब ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का नेतृत्व किया और देश को स्वतंत्रता दिलाई. बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा किसने की इसको लेकर वहां हमेशा राजनीतिक रूप से विवाद रहा है. हालांकि, अवामी लीग का दावा है कि शेख मुजीब ने स्वतंत्रता की घोषणा की. वहीं बीएनपी के अनुसार, यह घोषणा जियाउर ने की थी.
मुजीब द्वारा घोषणा के ऐतिहासिक प्रमाण
1978 में जियाउर के शासनकाल के दौरान पहली बार आधिकारिक इतिहास में उन्हें स्वतंत्रता की घोषणा करने वाला बताया गया. इसके बाद सत्ता परिवर्तन के साथ इतिहास में कई बार संशोधन हुए. वहीं समकालीन स्रोत इस बात की पुष्टि करते हैं कि शेख मुजीब ने 26 मार्च 1971 को स्वतंत्रता की घोषणा की थी. अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) की रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि शेख मुजीब ने 26 मार्च को बांग्लादेश को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया.
राजनीतिक संघर्ष और परिणाम
शेख मुजीब ने बांग्लादेश को धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बनाने की कोशिश की, लेकिन 1975 में उनकी हत्या कर दी गई. इसके बाद जियाउर ने सत्ता संभाली और 1978 में धर्मनिरपेक्षता को संविधान से हटा दिया. बांग्लादेश की राजनीति में आजादी से जुड़ा मुद्दा विवाद का केंद्र बना हुआ है.
इतिहास का बदलता स्वरूप
इस तरह पाठ्यपुस्तकों में बदलाव से यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश का आधिकारिक इतिहास राजनीतिक सत्ता के आधार पर बदलता रहा है. नई पाठ्यपुस्तकों में जियाउर रहमान को स्वतंत्रता की घोषणा का श्रेय दिया गया. लेकिन समकालीन स्रोत शेख मुजीब को स्वतंत्रता की घोषणा का श्रेय देते हैं. इस तरह के विवादों ने बांग्लादेश की राजनीतिक विरासतों के संघर्ष ने इतिहास को प्रभावित किया है.
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