Bangladesh Latest News: बांग्लादेश में खतना के दौरान एक बच्चे की मौत की खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक या घटना मंगलवार की रात को राजधानी ढाका में घटी. मृतक बच्चे का नाम हनफ तहमेद है. हनफ को अस्पताल में खतना से पहले एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया गया था. बताया जा रहा है इसी वजह से उसकी मौत हुई है. बच्चे की मौत पर परिवार वालों का भी बयान आया है. उनका कहना है कि हमने एनेस्थीसिया की अनुमति नहीं दी थी.
बांग्लादेश में खतना के दौरान बच्चों की मौत की यह पहली खबर नहीं है. हाल ही में करीब डेढ़ महीने पहले एक और बच्चे के निधन की खबर सामने आई थी. इस घटना में भी अयान अहमद नाम के बच्चे को खतना से पहले एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया गया था. जिसके बाद परिवार वालों ने इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी.
बांग्लादेश में दशकों से वहां के नाई इस काम को बिना एनेस्थीसिया के अंजाम दे रहे थे. इस दौरान बच्चों के मौत की खबर बेहद कम आती थी. हालांकि, हाल के दिनों में जब से डॉक्टरों द्वारा सर्जिकल खतना का चलन बढ़ा है. तब से बच्चों के निधन के कई मामले समाने आए हैं.
इस घटना पर डॉ. शाह आलम का कहना है कि बिना उचित जांच के गलत तरह से एनेस्थीसिया देने पर बच्चों के जान जाने का खतरा बना रहता है. उन्होंने बताया कि एक बच्चे के सुचारू और सुरक्षित खतना के लिए एनेस्थीसिया की आवश्यकता होती है, लेकिन इस दौरान ध्यान देने वाली बात यह है कि बच्चे की स्थिति के मुताबिक किस प्रकार की एनेस्थीसिया दी जाए.
मृतक बच्चे के पिता का नाम फखरुल आलम है. आलम ने बीबीसी बांग्ला के साथ हुई बातचीत के दौरान बताया कि हम हनफ को खतना के लिए मंगलवार की रात करीब साढ़े आठ बजे ढाका के माली बाग चौधरी पारा में स्थित जेएस डायग्नोस्टिक एंड मेडिकल चेक अप सेंटर में ले गए. कुछ देर में ही उसका खतना पूरा हो गया, लेकिन एक घंटे बाद भी जब उसे होश नहीं आया तो हमारी चिंता बढ़नी शुरू हुई.
आलम के मुताबिक बच्चे को होश नहीं आने पर हमने कई बार पूछा कि कोई परेशानी हो तो बताएं. हालांकि, हर बार वह नजरअंदाज करते रहे और कहा कि जल्द ही होश आ जाएगा.
पिता के मुताबिक डाक्टरों ने हमें रात करीब 10 बजे सूचना दी कि हमारे बच्चे की स्थिति बेहद खराब हो गई है. हमें जल्द से जल्द दूसरे अस्पताल में लेकर जाना होगा. क्योंकि उनके पास आईसीयू नहीं है. रात करीब 10.30 बजे एंबुलेंस को बुलाया गया. मगर तबतक बहुत लेट हो चुकी थी. मृतक बच्चे के पिता का आरोप है कि मेरे बिना अनुमति के एनेस्थीसिया लगाया गया है.
बच्चे के पिता का कहना है कि इस मामले का निष्पक्ष तरीके से जांच किया जाए और उन्हें न्याय मिले. उन्होंने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है. ताकि किसी दूसरे बच्चे के साथ यह दुर्घटना ना घटे. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के खिलाफ हातिरझील थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया गया है.
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