Bangladesh Violence: बांग्लादेश अदालत ने इस्कॉन के हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज कर दी है जिस पर विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बंसल ने कहा कि अब सिर्फ चिन्मय कृष्ण दास को बचाने की बात नहीं बल्कि बांग्लादेश को बचाने की बात है. उनका मानना है कि चिन्मय दास को झूठे आरोपों में फंसाया गया है और उनकी रिहाई बहुत जरूरी है.


विनोद बंसल ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में मुस्लिम वकीलों ने अदालत में कट्टरपंथी नारे लगाए और प्रधानमंत्री शेख हसीना पर दबाव डाला. उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज करने की धमकी दी गई थी. बंसल ने चेतावनी दी कि बांग्लादेश जिहादियों के प्रभाव में आकर बर्बादी की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अब बांग्लादेश को बचाने की जरूरत है क्योंकि ये देश बर्बादी की ओर बढ़ चुका है और जिहादी ताकतों के लिए एक सुरक्षित स्थल बनता जा रहा है.


नए साल के अवसर पर हुए थे हिंदू मंदिरों पर हमले 


विनोद बंसल ने ये भी बताया कि नए साल के अवसर पर बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले हुए और इस्कॉन के दो भक्तों को मारा-पीटा गया. बंसल ने इसे बांग्लादेश में बढ़ती धार्मिक हिंसा का प्रतीक बताया और कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे पर और भी ठोस कदम उठाने चाहिए. उनका कहना था कि इस स्थिति को लेकर वर्ल्ड कम्युनिटी को भी जागरूक होना चाहिए.


ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया


वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से बांग्लादेशी घुसपैठियों के भारतीय सीमा में घुसने के बयान पर विनोद बंसल ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि एक राज्य की मुख्यमंत्री को इस संवेदनशील मुद्दे पर बयान नहीं देना चाहिए. बंसल ने कहा कि यदि ममता बनर्जी के पास कोई ठोस प्रमाण हैं तो उन्हें गृह मंत्रालय को सूचित करना चाहिए न कि ऐसे बयानबाजी करने चाहिए. बता दें कि ममता के इस बयान के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है.


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