Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में 16 जुलाई 2024 को शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन इतना बढ़ गया था कि तख्तापलट तक हो गई. पड़ोसी देश में हिंसक प्रदर्शन के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बन गई है. देश के विभिन्न हिस्सों में पुलिस के साथ झड़प में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मारे गए और घायल हो गए.


बांग्लादेश हिंसा में कितने लोग मरे?


बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की एक शीर्ष सलाहकार ने गुरुवार (29 अगस्त 2024) को कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना नीत पूर्ववर्ती सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान 1,000 से अधिक लोग मारे गए, वहीं 400 से अधिक लोगों की पुलिस की गोली लगने से एक या दोनों आंख की रोशनी चली गई है.


स्वास्थ्य सलाहकार नूरजहां बेगम ने राजधानी के राजारबाग इलाके में सेंट्रल पुलिस अस्पताल के भ्रमण के दौरान यह खुलासा किया जहां उन्होंने संघर्ष के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मियों से बात की. बीडीन्यूज24 . कॉम समाचार पोर्टल के अनुसार नूरजहां ने कहा, ‘‘अभी तक 1,000 लोग मारे जा चुके हैं और 400 से अधिक छात्र और आम लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. इनमें कई की एक आंख की रोशनी तो अन्य की दोनों आंख की रोशनी चली गई."


भारत-बांग्लादेश के संबंध को लेकर बीएनपी नेता का बयान


शेख हसीना अपनी सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन के बाद पांच अगस्त को इस्तीफा देकर भारत चली गई थीं. बीएनपी के एक वरिष्ठ नेता ने पूर्व राजनयिकों, नौकरशाहों, नेताओं और संस्थाओं पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि वे भारत को यह मानने के लिए भ्रमित कर रहे हैं कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के बिना भारत-बांग्लादेश के संबंध खराब होंगे.


खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता अमीर खुसरो महमूद चौधरी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत के चिंता जताने के कुछ दिन बाद कहा कि यह देश का आंतरिक मामला है. जिस समय पड़ोसी देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे, तब वहां हिंदुओं पर हमले होने की कई खबरें सामने आई थी.


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