Bangladesh Crisis News: बांग्लादेश में 2 महीने तक चले आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 5 अगस्त को पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, अब देश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. इस बीच बांग्लादेश सेना प्रमुख ने खुलासा किया कि उन्होंने अपदस्थ हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के कुछ प्रभावशाली लोगों को शरण दी है.
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने बुधवार (14 अगस्त) को खुलासा किया कि उन्होंने पिछली अवामी लीग सरकार के कुछ प्रभावशाली लोगों को शरण दी. ताकि उन पर किसी तरह के हमले को रोका जा सके. बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर कहा कि अभी तक 20 जिलों में अल्पसंख्यकों से जुड़े कुल 30 हमले हुए हैं. उन्होंने कहा, हम घटनाओं की जांच कर रहे हैं. हम अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाएंगे और सभी को सजा दिलाएंगे.
अभी सदमे में हैं बांग्लादेश पुलिस- आर्मी चीफ
आर्मी चीफ वकर-उज-जमान ने कहा कि अगर उनके खिलाफ कोई आरोप लगता है और मामला दर्ज किया जाता है तो उन्हें दंडित किया जाएगा, लेकिन हम उन पर हमला नहीं चाहते हैं. हमने उनकी जान के खतरे के कारण उन्हें शरण दी है. उन्होंने कहा कि हालात अभी सामान्य हो गए हैं. मगर, पुलिस अभी भी सदमे में है. एक बार यह खत्म हो जाए, तो पुलिस फिर से अपने कामों का ठीक से पालन कर सकेगी.
फरार होने की कोशिश कर रहे शेख हसीना के कद्दावर मंत्री एयरपोर्ट पर गिरफ्तार
वहीं, बांग्लादेश सेना चीफ वकर-उज-जमान का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब पूर्व कानून मंत्री अनुसुल हक और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के निजी उद्योग और निवेश मामलों के सलाहकार सलमान एफ. रहमान को ढाका में गिरफ्तार किया गया है. जबकि, पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद और पूर्व राज्य मंत्री जुनैद अहमद को पिछले हफ्ते ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, तब प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत आ गई थीं.
आवामी लीग पार्टी के सांसदों ने छोड़ा देश, कई सुरक्षित ठिकानों में छिपे
शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से आवामी लीग पार्टी के कई बड़े नेता, सांसद और कैबिनेट मंत्री देश से बाहर जा चुके हैं. जबकि, कई अन्य मंत्रियों ने अपने सरकारी या निजी आवास छोड़ दिए हैं. बताया जा रहा है कि वे सुरक्षित ठिकानों पर छिपे हुए हैं.
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