Bangladesh Crisis : नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में कमान संभाल ली. राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने यूनुस को मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई. इस दौरान यूनुस ने देशवासियों से हिंसा रोकने की अपील की. वहीं, अंतरिम सरकार के गठन के बाद ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और शेख हसीना को हटाने वाले छात्र नेताओं में बवाल हो गया. सरकार बनते ही उनमें मतभेद नजर आए. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान और छात्र नेताओं में चुनावों को लेकर गुस्सा है. सूत्रों ने बताया कि रहमान बांग्लादेश में जल्द चुनाव कराना चाहते हैं, जबकि छात्र इसे देरी से कराना चाहते हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि छात्र भी चुनाव में हिस्सा लेना चाहते हैं, लेकिन उन्हें पार्टी बनाने के लिए समय चाहिए. अगर चुनाव जल्दी होता है तो वे इससे वंचित रह जाएंगे, इसलिए ही दोनों संगठन आमने-सामने आ गए हैं.
जल्द चुनाव कराने के लिए दिया था संदेश
जब ढाका छोड़कर शेख हसीना भारत गई थीं, उसके तुरंत बाद ही बुधवार को एक विडियो संदेश रहमान ने जारी किया था, जिसमें कहा गया कि चुनाव तुरंत होने चाहिए. सत्ता जीते हुए प्रतिनिधियों को मिलनी चाहिए. इसके लिए उन्होंने ढाका में एक रैली भी की थी. उन्होंने रैली में ये तक कह दिया था कि देश को कमजोर करने की साजिशें चल रही हैं, ऐसे में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए.
हसीना के बेटे ने भी की है ये मांग
2004 में शेख हसीना की हत्या की साजिश के मामले में बांग्लादेश की अदालत ने अक्टूबर 2018 में तारिक रहमान को आजीवान कारावास की सजा सुनाई थी. अगस्त 2023 में एक अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के लिए भी रहमान को 9 साल की जेल और उनकी पत्नी को तीन साल की सजा सुनाई थी. इनका रिश्ता बांग्लादेश में विवादों से काफी ज्यादा रहा है. अब अंतरिम सरकार बनने के बाद जल्दी चुनाव की मांग की जा रही है. हालांकि, शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेव भी जल्द चुनाव कराने की मांग कर चुके हैं.
ये भी पढ़ें : शेख हसीना के बेटे ने लगाया बड़ा आरोप, कहा- बांग्लादेश में हिंसा फैलाने में पाकिस्तान की ISI का हाथ