Bangladesh PM Sheikh Hasina: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार को भारत दौरे पर आने वाली हैं. इससे पहले पीएम शेख हसीना ने समाचार एजेंसी को दिए खास इंटरव्यू में उन्होंने भारत-बांग्लादेश के प्रगाढ़ संबंध (India-Bangladesh Relation), बांग्लादेश के आर्थिक हालात (Bagladesh Economy), रोहिंग्या शरणार्थी (Rohingya Refusees) सहित कई मुद्दों पर खुलकर बात की.


क्या श्रीलंका (Sri Lanka Crisis) जैसे होंगे बांग्लादेश के आर्थिक हालात? इस सवाल पर पीएम शेख हसीना ने कहा, "हमारी अर्थव्यवस्था अभी भी बहुत मज़बूत है. हमने कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) का सामना किया, यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia-Ukraine War) का भी प्रभाव पड़ा, लेकिन बांग्लादेश समय पर ऋण चुकाता रहा है. मुझे नहीं लगता कि हमें कभी श्रीलंका जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा."


शेख हसीना ने कहा-हमारी विदेश नीति स्पष्ट है


बांग्लादेश की पीएम ने कहा, "हमारी विदेश नीति बहुत स्पष्ट है. सभी से मित्रता, किसी से भी द्वेष नहीं रखना. अगर चीन और भारत के बीच कोई समस्या है तो उसमें हमें नहीं पड़ना. मैं अपने देश का विकास चाहती हूं. यदि पड़ोसी देशों के बीच कोई समस्या है तो उसे द्विपक्षीय रूप से हल किया जा सकता है. भारत और बांग्लादेश करीबी पड़ोसी हैं. मैं हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती को महत्व देती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह दोस्ती हमारे लोगों के लिए है. ये देखना हमारी प्राथमिकता है कि दोनों देशों के बीच व्यापार को कैसे बेहतर बनाया जाए."


भारत को बताया- एक परखा हुआ दोस्त


शेख हसीना ने भारत को परखा हुआ दोस्त बताते हुए कहा कि हमारी दोस्ती 1971 से चली आ रही है. भारत हर जरूरत की घड़ी में बांग्लादेश के साथ खड़ा रहा है. 1971 में और फिर बाद के समय में भी हमारा रिश्ता अटूट रहा है.. उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा 1971 के युद्ध के दौरान भारत के योगदान को याद करते हैं और इसके अलावा, 1975 के इस वक्त को, जब हमने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया था. उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री ने हमें भारत में आश्रय दिया था.


पीएम मोदी की जमकर की तारीफ


रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान हमारे बहुत से छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे, भारत ने जब अपने छात्रों को वहां से निकाला तब हमारे छात्रों को भी वहां से निकाला, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करती हूं. आगे कहा,  भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैक्सीन मैत्री पहल के लिए भी धन्यवाद करती हूं. भारत ने सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं दूसरे दक्षिण एशियाई देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई.


जल बंटवारे की समस्या सुलझाना चाहिए


भारत-बांग्लादेश के बीच जल-बंटवारे के विवाद पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा-हम नीचे की ओर स्थित हैं और पानी भारत से आ रहा है. इसलिए भारत को और उदारता दिखानी चाहिए. इससे दोनों देश लाभान्वित होंगे. कभी-कभी हमारे लोगों को बहुत नुकसान होता है, खासकर तीस्ता नदी के चलते. अब जो पानी की समस्या है, मुझे लगता है कि इसे भी जल्द हल किया जाना चाहिए. PM(नरेंद्र मोदी) इस समस्या को हल करने के लिए बहुत उत्सुक हैं, लेकिन आपके देश में भी समस्या है. हम केवल गंगा का जल साझा करते हैं लेकिन 54 अन्य नदियां भी हैं. यह लंबे समय से चली आ रही समस्या है इसका समाधान किया जाना चाहिए.


रोहिंग्या मुसलमानों, अल्पसंख्यकों की समस्या पर कहा-


रोहिंग्या हमारे लिए यह एक बड़ा बोझ है, हम अंतरराष्ट्रीय समुदायों और अपने पड़ोसी देशों के साथ परामर्श कर रहे हैं. जिससे वे (रोहिंग्या) घर वापस जा सकें. हम उन्हें (रोहिंग्या) आश्रय दे रहे हैं, सभी चीज उपलब्ध करा रहे हैं. कोविड के दौरान उन्हें वैक्सीन भी उपलब्ध कराई गई. लेकिन वे यहां कब तक रहेंगे? कुछ लोग ड्रग्स की तस्करी, महिला तस्करी में लिप्त हैं, वे जितनी जल्दी अपने घर वापस जाएं वो हमारे देश के लिए और म्यामांर के लिए अच्छा है.


बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा पर PM शेख हसीना ने कहा-हमारे यहां सांप्रदायिक सौहार्द है. कभी-कभी, कुछ घटनाएं होती हैं, जिसे लेकर हम तुरंत कार्रवाई करते हैं. मेरी पार्टी के लोग इसे लेकर बहुत सचेत हैं.


बेटे के राजनीति में आने पर कहा शेख हसीना ने-


बांग्लादेश की PM से पूछे जाने पर कि क्या वह चाहती हैं कि उनका बेटा राजनीति में आए, शेख हसीना ने कहा- ये तो उसे तय करना है. वह देश के लिए काम कर रहा है. डिजिटल बांग्लादेश उसका विचार है और वह इसमें मेरी सहायता कर रहा है लेकिन उसने कभी राजनीतिक दल या किसी मंत्रालय में कोई पद लेने के बारे में नहीं सोचा.


मवेशियों की तस्करी पर हुई है चर्चा


भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से मवेशियों की तस्करी पर बांग्लादेश PM शेख हसीना ने कहा कि इस पर चर्चा जारी है. मवेशी तस्करी की घटनाओं में कमी आई है,कभी-कभी कुछ घटनाएं होती हैं. दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच इसे लेकर बैठकें भी होती हैं, हमें उनका आश्वासन मिला है कि ऐसी घटनाएं कम होंगी.


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