Bangladesh Crisis News: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अब नई अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. वहीं, इस अंतरिम सरकार की अगुवाई नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं. बांग्लादेश की नई सरकार में 16 अन्य सदस्य भी शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिन 16 अन्य लोगों को सरकार का हिस्सा बनाया गया है उनमें फिलहाल सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है अबुल फैयाज मोहम्मद खालिद हुसैन की.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अगवाई वाली अंतरिम सरकार में खालिद हुसैन को धार्मिक मामलों का मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. जहां खालिद हुसैन की पहचान बांग्लादेश के कट्टरपंथियों में होती है. ऐसी स्थिति में खालिद हुसैन को धार्मिक मामलों की जिम्मेदारी सौंपना अपने आप में कई तरह के सवाल खड़े करता है.
PM मोदी ने की थी बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा की अपील
दरअसल कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिम सरकार के गठन के बाद मोहम्मद यूनुस को सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर बधाई देते हुए बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और संरक्षण की अपील की थी. हालांकि, उसके बावजूद भी युनुस सरकार ने खालिद हुसैन जैसे कट्टरपंथी को यह जिम्मेदारी दे दी गई.
जानिए कौन है हिंदुओं का कट्टर विरोधी खालिद हुसैन?
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से इस्लामिक कट्टरपंथ लगातार हिंदुओं के खिलाफ हिंसा कर उन्हें अपना निशाना बना रहे हैं. जहां खालिद हुसैन एक इस्लामी कट्टरपंथी देवबंदी मौलाना है, जो बांग्लादेश में खालिद हुसैन हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश नाम के एक संगठन से जुड़ा हुआ है. इस संगठन का इतिहास हमेशा से हिंदू और भारत विरोधी अभियान से जुड़े रहने का रहा है. कहा जाता है कि हिफाजत इस्लाम और बांग्लादेश को अफगानिस्तान की तरह बनाना चाहता है.
संगठन का उपाध्यक्ष रह चुका है खालिद हुसैन
इस संगठन का इतिहास हिंदू विरोधी हिंसा में लिप्त रहने का है. जबकि, खालिद हुसैन इस संगठन के उपाध्यक्ष रहे हैं. इसके अलावा वह कुछ सालों पहले तक इस संगठन के उप मुखिया के तौर पर भी काम कर चुके हैं. ये संगठन लगातार बांग्लादेश में कट्टर पंथी इस्लाम लाने की वकालत करता रहा है.
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