Bangladesh Protest : बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद भी स्थिति गंभीर बनी हुई है. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर आतंक मचा रखा है, क्योंकि पुलिस और सेना का कोई भी जवान उन्हें रोक नहीं पा रहा है. सरकारी दफ्तरों में लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं. शेख हसीना भारत में शरण ली हुई हैं, इसलिए हिंदुओं को बांग्लादेश में निशाना बनाया जा रहा है. शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है. सबसे ज्यादा ढाका में स्थिति खराब है. इन हालातों में वहां फंसे भारतीयों को काफी परेशानी हो रही है. अभी ढाका में करीब 500 भारतीय फंसे हुए हैं. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि ढाका में भारतीय उच्चायोग और चटगांव, सिलहट और खुलना में करीब 500 भारतीय काम करते हैं. इनकी सुरक्षा को लेकर फिलहाल चिंता बनी हुई है. सड़कों पर उतरी भीड़ हसीना की विरोधी है, इसलिए वह भारतीयों को निशाना बना रही है. हालात को देखते हुए ढाका में भारतीय उच्चायोग से कर्मचारियों को स्वैच्छिक आधार पर लाने की कवायद हो रही है.


ढाका से 205 लोगों को दिल्ली लाया विमान
बढ़ती हिंसा को देखते हुए एयर इंडिया का एक विशेष विमान बुधवार सुबह 6 शिशुओं समेत 205 लोगों को ढाका से नई दिल्ली लेकर आया. मंगलवार देर रात बांग्लादेश की राजधानी के लिए विमान ने उड़ान भरी थी. इसमें 205 लोग वापस आए हैं. वहीं, भारत सरकार अभी और प्रयास कर रही है.


एक्सपर्ट ने कहा, शेख हसीना को देख छोड़कर नहीं जाना चाहिए था
बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति को देखते हुए तो नहीं लगता कि स्थिति अभी सामान्य हो पाएगी. राजनीतिक टिप्पणीकार नजमुल अहसन कहते हैं कि जब तक मौजूदा स्थिति शांत नहीं हो जाती, तब तक अंतरिम सरकार के लिए काम करना चुनौती होगा. बेशक मोहम्मद यूनुस को सरकार में शामिल किया गया है, लेकिन अभी स्थिति सामान्य होने में समय लग सकता है, क्योंकि सड़कों पर घूमती बेकाबू भीड़ जो भी चाहे कर रही है. शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सेना में भी बड़ा बदलाव हुआ है. वहीं, ढाका के जाने माने एक्सपर्ट तनवीर अबीर कहते हैं कि शेख हसीना ने देश छोड़कर ठीक नहीं किया है.हसीना ने देश को संकट की स्थिति में छोड़कर जाना चुना, जो उनका गलत फैसला रहा. एक नेता विपरीत परिस्थिति में अपने लोगों के साथ खड़ा रहना चाहिए था, जिसमें वह फेल नजर आई हैं.


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