Economics Crisis: बांग्लादेश (Bangladesh) में आर्थिक संकट (Economic Crisis) गहराता जा रहा है. महंगाई (Inflation) की मार झेल रही जनता को बिजली (Power) भी नहीं मिल पा रही है. इसीलिए सरकार ने बिजली बचाने (Save Power) के लिए एक फैसला किया है जिसके तहत स्कूल (School) और ऑफिस (Office) के समय में कटौती की है. देश पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) के संकट से जूझ रहा है और डीजल से चलने वाले बिजली पावर प्लांट्स (Power Plants) को बंद करना पड़ गया है.


रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से आयात होने वाले ईंधन की लागत बढ़ने के बाद बांग्लादेश ने डीजल से चलने वाले सभी 10 पावर प्लांट्स को बंद कर दिया है. बांग्लादेश ने पिछले महीने से प्रतिदिन 2 घंटे बिजली कटौती शुरू की लेकिन देश के बहुत से इलाके बिजली के बिना अंधेर में पड़े हुए हैं.


हफ्ते में दो दिन बंद रहेंगे स्कूल


बांग्लादेश में जो पावर प्लांट्स बंद हुए हैं वो पूरी बिजली का 6 प्रतिशत हिस्सा देश को सप्लाई करते थे. शेख हसीना की सरकार ने निर्णय लिया है कि अब स्कूल हफ्ते में दो दिन बंद रहेंगे. इस बात की जानकारी कैबिनेट मंत्री खांडकर अनवारुल इस्लाम ने पत्रकारों को दी है. उन्होंने बताया कि वैसे तो स्कूल हफ्ते में शुक्रवार के दिन बंद रहा करते थे लेकिन अब शिक्षा मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि वो शनिवार के दिन भी बंद रहेंगे.


ऑफिस के समय में भी की गई कटौती


तो वहीं इस्लाम ने बताया कि सरकारी एजेंसी (Government Agencies) जो सामान्य तौर पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खलती थीं वो अब सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुलेंगी. वहीं, बैंक (Bank) का समय जो 10 बजे से 6 बजे तक का हुआ करता था वो अब 9 बजे से 4 बजे तक रहेगा. इसके अलावा प्राइवेट ऑफिस (Private Office) अपनी जरूरतों के हिसाब से समय का निर्धारण कर सकते हैं.


ये भी पढ़ें: Bangladesh: तेल कीमतों में 52% बढ़ोतरी के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प


ये भी पढ़ें: Explained: बांग्लादेश में भी बन रहे श्रीलंका जैसे हालात, क्या चीन लिख रहा बर्बादी की स्क्रिप्ट?