पिता की हत्या के बाद भारत में मिली राजनीतिक शरण, लगातार चौथी बार बांग्लादेश की कमान संभालने वाली शेख हसीना के बारे में जानिए सबकुछ
Bangladesh PM Sheikh Hasina: शेख हसीना के परिवार को सेना ने मार दिया था. तब वह जर्मनी में थीं, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने उन्हें भारत में राजनीतिक शरण दी थी. वह छह साल तक भारत में रही थीं.
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Bangladesh Election 2024: बांग्लादेश आम चुनाव में प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने बड़े अंतर से चुनाव में जीत हासिल की है, लेकिन इस चुनाव में कई जगहों पर हिंसा के मामले सामने आए. शेख हसीना की पार्टी को आम चुनाव 2024 में 2 लाख 49 हजार 465 वोट मिले जबकि विपक्षी दलों को महज 469 वोट ही मिले. देश की कई मुख्य विपक्षी पार्टियों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया था. पश्चिम के देश पहले से कह रहे थे कि ये चुनाव हर हाल में शेख हसीना के पक्ष में जाएगा क्योंकि वह 'लोकतंत्र को दबा कर रखना चाहती हैं.'
कौन हैं शेख हसीना?
शेख हसीना आवामी लीग की सुप्रीम नेता हैं. वह 2009 से लगातार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले वह 1996 से 2001 तक प्रधानमंत्री का पद संभाल चुकी हैं. रविवार को हुए मतदान में जीत के बाद शेख हसीना पांचवी बार बांग्लादेश का राष्ट्रपति पद संभालेंगी. शेख हसीना बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं. हालांकि शेख हसीना को राजनीति का मोह नहीं था लेकिन हालातों की वजह से उन्हें सत्ता में आना पड़ा
जब पिता की कर दी गई थी हत्या
साल 1971 में बांग्लादेश एक अलग देश बना. इससे पहले ये इलाका पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था और यहां पाकिस्तानी सरकार की हुकूमत चलती थी. इस नए देश के पहले नेता शेख मुजीबुर्रहमान हुए. लेकिन मुजीब रहमान को सत्ता में आए कुछ साल ही हुए थे कि देश में अस्थिरता फैल गई. कम्युनिस्ट आंदोलन के दौरान शेख की सरकार की सत्ता पलट दी गई. साल 1975 में सेना ने शेख मुजीबुर्रहमान के पूरे परिवार की हत्या कर दी थी, लेकिन शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना बच गईं क्योंकि वह उस वक्त जर्मनी में थीं. बांग्लादेश अगले 15 सालों तक सेना के कब्जे में रहा.
इंदिरा गांधी ने दी थी राजनीतिक शरण
शेख हसीना ने जर्मनी में बांग्लादेश के राजदूत हुमांयु रशीद चौधरी से संपर्क किया. हुमांयु का भारत के कई राजनयिकों के बीच अच्छी पैठ थी इसलिए एक बार उन्होंने भारत के राजदूत वाई के पुरी से शेख हसीना और उनकी बहन को राजनीतिक शरण देने की बात कही थी. इसकी भनक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिर गांधी को लगी और उन्होंने तुरंत शेख हसीना और उनकी बहन को एयर इंडिया के विमान से भारत बुला लिया. इसके अलावा शेख हसीना के पति डॉक्टर वाजेद को परमाणु ऊर्जा विभाग में फेलोशिप दी. भारत सरकार ने शेख हसीना को पंडारा रोड के पास एक फ्लैट दिया था. वह यहां करीब छह साल तक थी.
#WATCH | Dhaka: In her message to India, Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina says, ''You are most welcome. We are very lucky...India is our trusted friend. During our liberation war, they supported us...After 1975, when we lost our whole family...they gave us shelter. So our… pic.twitter.com/3Z0NC5BVeD
— ANI (@ANI) January 7, 2024
घर वापसी
छह साल तक भारत में रहने के बाद वह बांग्लादेश गई और बीटीपी की नेता खालिदा जिया के साथ राजनीति की शुरूआत की. साल 1991 में खालिदा जिया पहली महिला प्रधानमंत्री बनी. इसके पांच बाद ही शेख हसीना की अवामी पार्टी ने चुनाव में जीत दर्ज की. साल 1996 में शेख हसीना पहली बार प्रधानमंत्री बनी.
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