Bangladesh Flood: बांग्लादेश में बीते कुछ महीनों से हालात सामान्य नहीं है. पड़ोसी देश में आरक्षण को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन करना शुरू किया, जिसने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया. यही कारण था कि शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा और वह भारत आ गई. बांग्लादेश में इस हिंसा प्रदर्शन में 500 से अधिक लोगों की मौत हो गई, लेकिन अब उससे भी बड़ा संकट देश पर छाया हुआ है. लगातार मानसून की बारिश से अब पड़ोसी देश बाढ़ के संकट से परेशान है. तेज बारिश और नदियों के उफान से देश बाढ़ की चपेट में आ गया है, जिसमें अब तक कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 50 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. 


बाढ़ से होने वाली परेशानी किसी से भी छुपी नहीं है. यह लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर देती है. लोगों को साफ खाना, स्वच्छ पानी यहां तक की दवा और सूखे कपड़े तक नसीब नहीं होते. बांग्लादेश में बनी अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने अपने संबोधन में यह कहा था कि प्रशासन देश में बाढ़ पीड़ितों के लिए आवश्यक उपाय कर रहा है. स्थिति सामान्य हो यह सुनिश्चित करने के लिए कोशिश कर रहा है. 


मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट


रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के कोमिला जिले के 65 वर्षीय अब्दुल हकीम का कहना है कि आधी रात को 10 फीट ऊंचे बाढ़ का पानी उनकी झोपड़ी को बहा कर ले गया. उनका कोई भी सामान अब बचा नहीं. यहां तक की पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है. गांव के अंदर बहुत मुश्किल से कोई सहायता लेकर आया है. सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि आने वाले समय में बारिश से बाढ़ की स्थिति को रोकने के लिए पड़ोसी देशों के साथ बातचीत शुरू की गई है. यहां तक की बांग्लादेश मौसम विभाग में भी यह अलर्ट जारी किया है कि मानसून की बारिश जारी रहती है तो बाढ़ की स्थिति बनी रहेगी क्योंकि जलस्तर कम होने की गति काफी धीमी है.


4 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे रिलीफ कैंप


वहीं प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि देश के 11 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें 3500 रिलीफ कैंप लगाए गए हैं. इनमें अब तक चार लाख से ज्यादा लोग शरण ले चुके हैं. इन लोगों के इलाज के लिए 750 मेडिकल टीम में तैनात है. थल सेना, वायु सेना, नौसेना यहां तक की बॉर्डर गार्ड भी लोगों की सहायता में लगे हुए हैं. खास बात यह है कि बांग्लादेश सैकड़ों नदियों से घिरा हुआ है. पड़ोसी देश में बाढ़ की स्थिति पहली बार नहीं बन रही है. ऐसा कई बार हो चुका है कि बांग्लादेश बाढ़ का संकट झेल चुका है. हर साल मानसूनी बारिश देश में कर बरपाती है और हर साल घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि होती रहती है. बाढ़ के कारण देश में मुख्य बंदरगाह, हाईवे, रेल लाइन ध्वस्त हो चुकी है और यही कारण है की बाढ़ ग्रस्त जिलों में सहायता पहुंचाना ना के बराबर हो गया है.


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