Bangladesh Terrorist Abdus Salam Pintu: बांग्लादेश की एक अदालत ने एक और भारत विरोधी शख्स को राहत दे दी है. बीते मंगलवार (24 दिसंबर) को पूर्व मंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के सदस्य अब्दुस सलाम पिंटू को 17 साल बाद जेल से रिहा कर दिया गया. अब्दुस सलाम पिंटू  पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) और बांग्लादेश से आतंकवादियों को वित्त पोषित किया था. अब्दुस सलाम ने भारत के खिलाफ आतंकी हमलों को अंजाम देने में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (HUJI) की सहायता की. उन्हें 2004 में प्रधानमंत्री शेख हसीना पर ग्रेनेड हमले की साजिश रचने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी.


अब्दुस सलाम ने POK में हूजी के हथियारों की खरीद, भर्ती और ट्रेनिंग प्रोग्राम में मदद करके भारत में आतंकवादी हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन पर हूजी को मदरसे के छात्रों को बंदूकों और विस्फोटकों की ट्रेनिंग देने और कश्मीर में आतंकवादियों के लिए धन और हथियार जुटाने में मदद करने का आरोप लगाया गया था. पाकिस्तान स्थित हूजी न केवल भारत में बल्कि बांग्लादेश, इज़रायल, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका में भी एक नामित आतंकवादी संगठन है.


ढाका स्थित डेली स्टार के अनुसार, अब्दुस को उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था. वह 2008 से ही जेल में बंद था. PTI की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2004 के ग्रेनेड हमले के मामले के जांच अधिकारी ने 2021 में ढाका की एक अदालत को बताया कि अब्दुस सलाम पिंटू, जिसने प्रतिबंधित संगठन हूजी की सहायता की. उसने संगठन को भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए हथियार खरीदने में मदद की थी.


POK में बांग्लादेशी आतंकी की भर्ती
अब्दुस सलाम पिंटू के अलावा हाल ही में बांग्लादेश ने बीएनपी के एक अन्य पूर्व मंत्री लुत्फ़ोज़ामन बाबर को भी रिहा कर दिया था, जिसपर 2004 में शेख हसीना को मारने की कोशिश का आरोप लगाया गया था. 2011 में जांच अधिकारी ने अदालत को यह भी बताया कि अब्दुस और बाबर ने कई युवाओं, मुख्य रूप से मदरसे के छात्रों को हथियार और बम चलाने का ट्रेनिंग दी थी. ये सारे लोग बांग्लादेश के ही थे. 


पाक स्थित हुजी ने भारत में आतंकी हमलों को दिया अंजाम
हूजी ने पाकिस्तानी प्रतिष्ठान "ब्लीड इंडिया विद ए थाउज़ेंड कट्स" सिद्धांत के हिस्से के रूप में भारत में आतंकवादी हमलों  को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसमें कई छोटे-मोटे हमले शामिल थे, जैसे 2006 में वाराणसी में अदालत परिसर में बम विस्फोट, 2007 में अजमेर शरीफ दरगाह पर बमबारी और 2011 में दिल्ली में बम विस्फोट शामिल है. हूजी को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JEM) जैसे अन्य आतंकवादी समूहों के साथ मिलकर काम करने और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से समर्थन और संरक्षण प्राप्त है.


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