बांग्लादेश सरकार ने भारत में रह रहीं शेख हसीना समेत 96 लोगों को लेकर लिया बड़ा फैसला, बढ़ सकती हैं मुश्किलें
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और 96 अन्य लोगों का पासपोर्ट रद्द कर दिया है.
Bangladesh India Relation: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और 96 अन्य लोगों का पासपोर्ट रद्द कर दिया है. यह कार्रवाई लोगों को जबरन गायब किये जाने और पिछले साल जुलाई में हुई हत्याओं में उनकी कथित संलिप्तता के कारण की गयी है.
शेख हसीना (77), पिछले साल पांच अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर आंदोलन के बाद बांग्लोदश से भागकर नयी दिल्ली चली गई थीं, जिससे उनकी अवामी लीग की 16 साल लंबी सरकार गिर गई थी.
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों तथा सैन्य एवं असैन्य अधिकारियों के खिलाफ ‘मानवता के खिलाफ अपराध एवं नरसंहार’ के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
यहां एक पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए मुख्य सलाहकार के उप प्रेस सचिव अबुल कलाम आज़ाद मजूमदार ने कहा, ‘‘पासपोर्ट विभाग ने जबरन गायब किये गये 22 लोगों के मामले में शामिल लोगों के पासपोर्ट रद्द किये हैं जबकि जुलाई में हुई हत्याओं में शामिल होने के कारण शेख हसीना सहित 75 लोगों के पासपोर्ट रद्द किये गए.’’
बांग्लादेश ने शेख हसीना की वापसी के लिए भारत को भेजा नोट
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना की वापसी के लिए भारत सरकार को 23 दिसंबर को एक नोट भेजा था. इस नोट में हसीना के खिलाफ अलग-अलग आरोप लगाए गए थे, जिनके आधार पर बांग्लादेश ने उनकी भारत से वापसी की मांग की थी. हालांकि भारत सरकार ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, क्योंकि ढाका की ओर से जरूरी औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई.
वहीं, बांग्लादेश की राष्ट्रीय स्वतंत्र जांच आयोग के प्रमुख मेजर जनरल (रिटायर्ड) एएलएम फजलुर रहमान ने हाल ही में ये कहा कि आयोग के सदस्य भारत जाकर शेख हसीना से पूछताछ करना चाहते हैं. ये पूछताछ 2009 में बांग्लादेश राइफल्स की ओर से 74 लोगों की हत्या के मामले की जांच के तहत की जाएगी. हालांकि भारत सरकार ने अभी इस बारे में किसी प्रकार की आधिकारिक जानकारी नहीं दी है.