बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने भारत के साथ संबंधों पर बात करते हुए कहा कि नई दिल्ली को लगता है कि शेख हसीना नहीं होंगी तो हम बांग्लादेश को अफगानिस्तान बना देंगे. उन्होंने कहा कि भारत को अपना नैरेटिव बदलना होगा. उन्हें लगता है कि सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में ही देश सुरक्षित है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत अवामी लीग के अलावा बाकी सभी राजनीतिक पार्टियों को इस्लामिक पार्टी के तौर पर देखता है.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ बात करते हुए मोहम्मद यूनुस ने कहा, 'हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन नई दिल्ली को इस नैरेटिव को त्यागना होगा कि केवल हसीना का नेतृत्व ही देश की स्थिरता सुनिश्चित कर सकता है.' उन्होंने कहा, 'आगे बढ़ने के लिए भारत को इस नैरेटिव से बाहर आना चाहिए . उनका नैरेटिव यह है कि अवामी लीग के अलावा बांग्लादेश की हर पार्टी इस्लामिक है, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) इस्लामिक है और बाकी सभी इस्लामिक हैं और इस देश को अफगानिस्तान बना देंगे. बांग्लादेश सिर्फ शेख हसीना के नेतृत्व में सुरक्षित है, ये भारत ने नैरेटिव बनाया हुआ है. भारत को इससे बाहर आना होगा. बांग्लादेश किसी भी दूसरे देश की तरह एक पड़ोसी मुल्क है.'


बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों की हालिया घटनाओं और भारत द्वारा इस पर चिंता जताए जाने के बारे में पूछे जाने पर मोहम्मद यूनुस ने कहा कि ये सिर्फ एक बहाना है. बांग्लादेश में अराजक माहौल के बीच अल्पसंख्यक हिंदुओं की दुकानों और संपत्तियों में तोड़फोड़ की गई साथ-साथ हिंदू मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया. भारत और बांग्लादेश के संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों के बारे में पूछे जाने पर मोहम्मद यूनुस ने कहा कि दोनों देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है और वर्तमान में ये संबंध खराब हो गए हैं.


उन्होंने कहा, 'संबंध फिलहाल खराब हैं और हमें इन संबंधों को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.' भारत के साथ द्विपक्षीय समझौतों के भविष्य के बारे में मोहम्मद यूनुस ने कहा कि पारगमन और अदाणी बिजली समझौते जैसे कुछ समझौतों पर फिर से विचार करने की मांग की जा रही है.


उन्होंने कहा, 'हर कोई कह रहा है कि इसकी जरूरत है. हम देखेंगे कि दस्तावेजों पर क्या है और जमीनी हकीकत क्या है. मैं इसका विशेष रूप से उत्तर नहीं दे सकता. अगर समीक्षा करने की जरूरत हुई तो हम इसके बारे में सवाल करेंगे. बीएनपी ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आती है तो अवामी लीग शासन के दौरान हस्ताक्षरित संदिग्ध अडानी बिजली सौदे की समीक्षा और पुनर्मूल्यांकन करेगी, क्योंकि यह बांग्लादेश के लोगों पर बहुत अधिक दबाव डाल रहा है.'


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