Bangladesh Government Crisis : बांग्लादेश की नई सरकार में एकमात्र हिंदू कौन, मिली क्या जिम्मेदारी, जानें
Bangladesh Government Crisis : शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद सेना प्रमुख जनरल वकर उज जमान ने अंतरिम सरकार बनाई है, इसमें एक हिंदू को भी शामिल किया गया है
Bangladesh Government Crisis : बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा यह है कि आखिर अब सत्ता कौन संभालेगा. अभी तक सेना अंतरिम सरकार चलाएगी. इसके लिए सेना प्रमुख जनरल वकर उज जमान ने 10 सदस्यीय अंतरिम सरकार बनाई है, लेकिन इसमें एक हिंदू को भी शामिल किया गया है.
डॉ. देबप्रिय भट्टाचार्य जाने माने अर्थशास्त्री हैं और हिंदू हैं. शेख हसीना की सरकार में देबप्रिय आर्थिक नीतियों के सलाहकार भी रह चुके हैं. उनकी मां भी बांग्लादेश की सांसद रही हैं. पिता देवेश भट्टाचार्य एक जाने-माने वकील थे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील के तौर पर काम किया. भट्टाचार्य ने सेंट ग्रेगरी हाई स्कूल और ढाका कॉलेज से शिक्षा ली. इसके बाद उन्होंने मॉस्को के से अर्थशास्त्र में एमएससी और पीएचडी की. 2007 में भट्टाचार्य को जिनेवा में वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन और संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में बांग्लादेश का राजदूत नियुक्त किया गया था. वह बांग्लादेश के स्थायी प्रतिनिधि भी रह चुके हैं. हालांकि, बाद में उन्होंने यह पद छोड़ दिया था.
अब सरकार में किया गया शामिल
उन्हें अब सेना ने सरकार में शामिल किया है. ऐसा करने से सेना ने साफ संदेश दिया है कि देश में जो धार्मिक और सामाजिक दिक्कतें हैं, उन्हें दूर किया जाए. बांग्लादेश की सेना में बड़ी संख्या में हिंदू हैं. वहां काफी हिंदू भी रहते हैं, अब भट्टाचार्य को सरकार में लाने से हिंदुओं को भी संदेश दिया जा रहा है. देबप्रिय आर्थिक मुद्दों के टिप्पणीकार भी हैं. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में हिस्सा लिया है. बांग्लादेश के टीवी शो में भी वह डिबेट में भाग लेते हैं. उन्होंने बांग्लादेश से संबंधित कई किताबें भी लिखी हैं. बैंकिंग क्षेत्र सुधार में उन्होंने काफी काम किया. भट्टाचार्य ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, यूएनडीपी, यूएनईपी समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए कार्य किया. अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड और स्वीडन की द्विपक्षीय एजेंसियों में भी योगदान दिया.
अब आर्थिक मामलों को मिली है जिम्मेदारी
बांग्लादेश की नई सरकार में उन्हें आर्थिक मामलों की जिम्मेदारी मिल सकती है. वह सरकार की नीतियां बनाएंगे और फैसले करेंगे. मौजूदा तौर पर बांग्लादेश के आर्थिक हालात काफी खराब हैं.
ये भी पढ़ें : Bangladesh Protest: प्रदर्शनकारियों की तालिबानी बर्बरता, शेख हसीना की पार्टी के नेता के होटल पर हमला, 8 लोगों को जिंदा जलाया