Bangladesh News: शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के कुछ ही घंटों बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने जेल में बंद विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया. 


प्रेस रिलीज के मुताबिक, विपक्षी पार्टी के सदस्यों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि शहाबुद्दीन ने "बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को तुरंत रिहा करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया है." राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने सर्वसम्मति से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष को बिना देरी के रिहा करने का फैसला किया.


किन लोगों ने मिलकर लिया खालिदा को रिहा कराने का फैसला


जिस बैठक में जिया को रिहा करने का निर्णय लिया गया, उसमें सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान, नौसेना और वायुसेना प्रमुख तथा बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए थे. बयान में कहा गया, "बैठक में छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा करने का भी निर्णय लिया गया है."


2018 में भेजा गया था जेल, मिली थी 17 साल की सजा


शेख हसीना की प्रबल विरोधी मानी जाने वाली 78 वर्षीय खालिदा जिया मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख हैं. खालिदा जिया 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. उनका राजनीतिक जीवन उनके पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद शुरू हुआ. खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में 17 साल की सजा सुनाए जाने के बाद 2018 में जेल भेज दिया गया था. फिलहाल खालिदा अस्वस्थ हैं और अस्पताल में भर्ती हैं.


खालिदा जिया मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख हैं, जो हसीना की अवामी लीग की मुख्य विपक्षी पार्टी है. जेल में बंद इस नेता को शेख हसीना का कट्टर विरोधी माना जाता है. अवामी लीग ने खुद को उदारवादी और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा वाली पार्टी बताया, उसने अक्सर बीएनपी पर कट्टरपंथी उग्रवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया.


ये भी पढ़ें: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक, एस जयशंकर से अजीत डोभाल तक रहे मौजूद