शेख हसीना ने छोड़ा देश, छात्र संगठनों ने किया साफ- 'नहीं चाहिए अंतरिम सरकार, सत्ता तो...'
Bangladesh News: मोहम्मद नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद ने फेसबुक पर मांग रखी है कि शाम तक, निर्दोष लोगों, राजनीतिक कैदियों और जबरन गायब किए गए लोगों को रिहा किया जाना चाहिए.
Bangladesh Government Crisis: बांग्लादेश में पिछले महीने से आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे हैं. अब ये प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं. इस हिंसा में अब तक 300 से ज़्यादा लोग पुलिस की गोली से मारे जा चुके हैं. इस बीच छात्रों के खिलाफ भेदभाव के विरोध समूह के सदस्यों का कहना है कि सत्ता “क्रांतिकारी छात्रों और नागरिकों” को “सौंपी” जानी चाहिए, उन्होंने कहा कि कोई भी अन्य विक्लप “स्वीकार नहीं किया जाएगा”.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टूडेंट्स अगेन्स्ट डिस्क्रिमिनेशन प्रोटेस्ट ग्रुप के कॉर्डिनेटर्स मोहम्मद नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद की ओर से फेसबुक पर संयुक्त बयान जारी किया गया. जिसमें उन्होंने साफ कर दिया है कि उनको अंतरिम सरकार नहीं चाहिए. सत्ता को 'क्रांतिकारी छात्रों और नागरिकों' के हाथों में सौंप दिया जाना चाहिए. वे कोई और विकल्प नहीं मंजूर करेंगे.
शाम तक बेगुनाहों को रिहा कर दिया जाए
स्टूडेंट्स अगेन्स्ट डिस्क्रिमिनेशन प्रोटेस्ट ग्रुप का कहना है कि फासीवादियों और हत्यारों को बंगाल की धरती पर न्याय के कटघरे में लाया जाएगा. ऐसे में किसी को भी देश से भागने का मौका नहीं दिया जाएगा. उन्होंने मांग रखी है कि शाम तक, निर्दोष लोगों, राजनीतिक कैदियों और जबरन गायब किए गए लोगों को रिहा कर दिया जाना चाहिए.
जीत हासिल किए बिना खत्म नहीं होगा आंदोलन
मोहम्मद नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद ने फेसबुक बयान में कहा है कि न केवल शेख हसीना की सरकार जाएगी बल्कि “फासीवादी व्यवस्था” को भी खत्म कर दिया जाएगा और “नया बांग्लादेश का निर्माण और राजनीतिक व्यवस्था” बनाई जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि जब तक हम अंतिम जीत हासिल नहीं कर लेते हैं तब तक कोई भी सड़कों से नहीं हटेगा.
क्या है पूरा मामला
बांग्लादेश के स्टूडेंट यूनियन सरकारी नौकरियों में आरक्षण का विरोध कर रहे हैं. जिसके लिए स्टूडेंट यूनियन के नेताओं ने पीएम शेख हसीना से पद से इस्तीफा देने की मांग की और सविनय अवज्ञा आंदोलन का भी ऐलान किया. सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन को लेकर छात्र पिछले महीने से आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच हिंसा भड़क गई. जिसमें अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें सबसे ज्यादा छात्र शामिल हैं.
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