ढ़ाका: बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. इसके तहत वहां की विधवा हिंदू महिलाएं अपने पति की सारी संपत्ति में हिस्सा लेने की हकदार होंगी. बता दें कि इससे पहले वहां के कानून के अनुसार हिंदू महिलाएं अपने पति की केवल निवास वाली भूमि में ही हकदार थीं, कृषि वाली भूमि और दूसरी जमीन पर नहीं.
जस्टिस मुत्ताह उद्दीन चौधरी की एकल पीठ ने बुधवार को इस संबंध में एक मामले को अंतिम रूप देने के बाद यह आदेश दिया. 83 साल (1937 से) के बाद, हिंदू विधवाओं को अब अपने पति की संपत्ति पर अपना अधिकार मिलेगा. वकील सैयद नफीउल इस्लाम ने कहा, "इस फैसले के बाद, उन्हें (विधवाओं) को कृषि भूमि का एक हिस्सा मिलेगा."
वकील और एक्टिविस्ट दीप्ति सिकदर ने कहा, "यह फैसला निश्चित रूप से पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता की स्थापना की लड़ाई में एक कदम आगे है. लेकिन हिंदू महिलाओं के समान अधिकारों के लिए लक्ष्य हासिल करने के लिए अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है.”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “बांग्लादेश के हिंदू विधवाओं के लिए हिंदू नेताओं ने कभी सकारात्मक भूमिका नहीं निभाई है. केवल हम मानवाधिकार कार्यकर्ता देश की दिग्गज कार्यकर्ता, बेगम सूफिया कमाल की तरफ से शुरू किए गए लड़ाई को 50 सालों से लड़ रहे हैं.”
बाइडेन बोले- सत्ता में आए तो तिब्बत में मानवधिकार अल्लंघन करनवाले चीनी अफसरों पर लगाएगा पाबंदी