Bangladesh Hindu Attack: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में इन दिनों हिंदुओं पर लगातार अत्याचार किया जा रहा है. इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास को भी गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद अब वहां ISKCON पर बैन लगाने की मांग तेज हो गई है. आज से 4 महीने पहले 5 अगस्त, 2024 को तख्ता पलट के बाद से देश के हालात बिगड़ते जा रहे है. ऐसा तब हुआ, जब प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई और वो वहां से भागकर भारत में रहने लगी. यहीं नहीं बात सिर्फ ISKCON मंदिर पर हमला करने की नहीं है. वहां मौजूद अन्य मंदिरों को कट्टरपंथी इस्लामी समूहों की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में इस वक्त 40000 मंदिर हैं. 


बता दें कि हसीना सरकार के पतन और राजनीतिक अस्थिरता के बीच, कट्टरपंथी इस्लामी समूहों ने इस्कॉन को निशाना बनाया है. इसके खिलाफ #BanISKCON और #ISKCONisTerrorist जैसे ऑनलाइन अभियान चलाए जा रहे हैं, और इसे देश की सुरक्षा और सांप्रदायिक स्थिरता के लिए खतरा बताया जा रहा है. इससे पहले हसीना के जाने के तुरंत बाद, खुलना डिवीजन के मेहरपुर में एक इस्कॉन मंदिर को तोड़ा गया और उसमें आग लगा दी गई थी.


कट्टरपंथी इस्लामी गुटों को खुश करने की कोशिश
बांग्लादेश में नई यूनुस सरकार पर कट्टरपंथी इस्लामी गुटों को खुश करने और इस्कॉन पर हमला करने की अनुमति देने का आरोप है. बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने जुमे की नमाज के बाद इस्कॉन के खिलाफ रैली निकाली, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए इसके समर्थकों के खिलाफ हिंसक नारे लगाए. इतना ही नहीं उन्होंने सोशल मीडिया पर #BanISKCON और #ISKCONisTerrorist जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. इसके अलावा इस्कॉन पर हिंसा भड़काने और शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से जुड़े होने का आरोप लगाया जा रहा है. अवामी लीग का विरोध करने वाले इस्लामी समूहों ने इस्कॉन को अवामी लीग का समर्थक बताकर निशाना बनाया. 


सामुदायिक तनाव
बांग्लादेश सनातन जागरण मंच और इस्कॉन के सदस्यों ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ रैलियां आयोजित कीं.। बता दें कि  इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने से हिंदू समुदाय में असुरक्षा बढ़ेगी और उनकी पहचान पर खतरा गहराएगा. बांग्लादेश में इस्कॉन का अच्छा खासा नेटवर्क हैं. बांग्लादेश में इस्कॉन के मंदिर ढाका, मेमनसिंह, राजशाही, रंगपुर, खुलना, बारिसाल, चटोग्राम और सिलहट में मौजूद हैं. यहां मंदिर का मानने और पूजने वालों की संख्या काफी है. इसकी संपत्ति भी काफी ज्यादा है. ये आए दिन बांग्लादेश में गरीबों की मदद करता है. बीते महीने बांग्लादेश में आई बाढ़ में भी इस्कॉन मंदिर के लोगों ने काफी मदद की थी.


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