Bangladesh Violence : 'हम इसी देश में पैदा हुए, यहीं मर जाएंगे...', बांग्लादेश में हो रहे हमले के बीच हिंदुओं की भावुक अपील
Bangladesh Violence : राजधानी ढाका के शाहबाग में शुक्रवार को हजारों हिंदू जमा हुए और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई. नारे लगाकर सरकार से कीं चार मांगे
![Bangladesh Violence : 'हम इसी देश में पैदा हुए, यहीं मर जाएंगे...', बांग्लादेश में हो रहे हमले के बीच हिंदुओं की भावुक अपील Bangladesh Hindu Jagran Mancha organized rallies to protest against the attacks on the Hindu community after leaving Sheikh Hasina Bangladesh Violence : 'हम इसी देश में पैदा हुए, यहीं मर जाएंगे...', बांग्लादेश में हो रहे हमले के बीच हिंदुओं की भावुक अपील](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/08/d83314c09c7b8ce2cc78b3de89d0067717231241868171074_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Bangladesh Violence : बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन की वजह से शेख हसीना को छोड़कर भागना पड़ा, लेकिन वहां स्थिति अब भी सामान्य नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले, आगजनी और लूटपाट की जा रही है. अब इसके विरोध में बांग्लादेश हिंदू जागरण मंच ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है. राजधानी ढाका के शाहबाग में शुक्रवार को हजारों हिंदू जमा हुए और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां हिंदुओं पर हमले के विरोध में आवाज उठाई गई. आयोजकों ने कहा कि दीनाजपुर में 4 हिंदू गांवों को जलाया गया है, जिसके कारण कई हिंदू बेसहारा हो गए हैं. मजबूरी में उन्हें सीमावर्ती इलाकों में शरण लेनी पड़ रही है.
'हम यहां उड़कर नहीं आए हैं, देश नहीं छोड़ेंगे'
रिपोर्ट के अनुसार, शाहबाग चौराहे पर विरोध जताने वाले हिंदुओं की संख्या हजारों में थी. इस रैली में हिंदू समुदाय ने कछ मांगें भी रखीं. इनमें अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग का गठन, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले रोकने के लिए सख्त कानून और अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटों का आवंटन की मांग की गई.
प्रदर्शनकारी दोपहर 3 बजे के नेशनल प्रेस क्लब के सामने जमा हुए थे. रैली में एक हिंदू नेता ने कहा कि हम इसी देश में पैदा हुए हैं, यह देश सभी का है. यहां के हिंदू देश नहीं छोड़ेंगे. यह हमारे पूर्वजों की जन्मभूमि भी है. हम यहां से उड़कर नहीं आए हैं. यह किसी के बाप का देश नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि भले ही मर जाऊं, अपनी जन्मभूमि नहीं छोड़ूंगा. इस दौरान लोगों ने नारे लिखे पंफलेट भी पकड़े थे. जिनमें लिखा था कि धार्मिक शिक्षा की कोई जरूरत नहीं है, आइए मानवता की शिक्षा में शिक्षित हों. एक पोस्टर पर लिखा हुआ था, देश तभी स्वतंत्र होगा, जब राष्ट्र अच्छी शिक्षा से शिक्षित होगा.
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