बांग्लादेश में आए चक्रवात मोरा में भारतीय नौसेना ने 33 बांग्लादेशियों को बचाया
This NASA Earth Observatory image taken by the Moderate Resolution Imaging Spectroradiometer (MODIS) on NASAs Aqua satellite captured this natural-color image of cyclone Mora on May 30, 2017. Aid workers warned May 31, 2017 of an "acute crisis" in Bangladesh after a cyclone destroyed thousands of homes and devastated camps housing Rohingya refugees, leaving many without food or shelter.Hundreds of thousands of Rohingya live in the overcrowded camps in Cox's Bazar on the southeast coast after fleeing violence in neighbouring Myanmar. Cyclone Mora battered the area on Tuesday, killing seven people, destroying 20,000 homes and forcing the evacuation of 600,000 residents. / AFP PHOTO / NASA / Handout / RESTRICTED TO EDITORIAL USE - MANDATORY CREDIT "AFP PHOTO / NASA" - NO MARKETING NO ADVERTISING CAMPAIGNS - DISTRIBUTED AS A SERVICE TO CLIENTS
पूर्वी नौसैनिक कमान पी-81 विमान को बांग्लादेश में अपने बचाव अभियान के तहत तैनात कर रहा है. आपदा प्रबंधन मंत्रालय ने बताया कि चक्रवात ने देश में ढाई लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है. बीडीन्यूज 24 के अनुसार अतिरिक्त सचिव गुलाम मुस्तफा ने कहा कि तूफान से 16 तटीय जिलों में दो लाख 86 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि तकरीबन 54 हजार 500 परिवारों ने तूफान में अपनी संपत्ति खो दी है और 60 हजार मकानों और 1592 एकड़ कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है.
दुनिया में सबसे बड़े समुद्री बीच कॉक्स बाजार को चक्रवात का कहर झेलना पड़ा जहां पांच लोगों की मौत हो गई और 20 हजार से अधिक मकानों को क्षति पहुंची, वहीं सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और जिले की सारी सड़कें आने-जाने लायक नहीं रह गईं. भोला जिले में एक बच्चे की मौत हो गई जबकि रांगामाटी में एक महिला और एक लड़की की तब मौत हो गई. बंदरबन में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कम से कम 10 लोग घायल हो गए.
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राहत और बचाव कार्य के लिए अपनी सरकार की तारीफ की. उन्होंने कहा कि सरकार के पुख्ता प्रयासों ने गंभीर जान-माल की क्षति को रोका. उन्होंने संसद में कहा, ‘‘हम आपदा से निपटने में सक्षम हैं. चक्रवात और आपदाएं आएंगी. हमारा काम मानव जीवन को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए कदम उठाना है.’’
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