ढाका (नई दिल्ली): भारतीय नौसेना ने बांग्लादेश के अशांत सागर से 33 लोगों को बचाया है. बांग्लादेश में चक्रवात मोरा से मची तबाही में नौ लोगों की मौत हो गई है जबकि 50 हजार से अधिक परिवार बेघर हो गए. भारतीय नौसेना के जहाज सुमित्रा ने 33 लोगों को बचाया. जिन लोगों को बचाया गया वो बहकर चटगांव से तकरीबन 160 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में पहुंच गए थे.


पूर्वी नौसैनिक कमान पी-81 विमान को बांग्लादेश में अपने बचाव अभियान के तहत तैनात कर रहा है. आपदा प्रबंधन मंत्रालय ने बताया कि चक्रवात ने देश में ढाई लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है. बीडीन्यूज 24 के अनुसार अतिरिक्त सचिव गुलाम मुस्तफा ने कहा कि तूफान से 16 तटीय जिलों में दो लाख 86 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि तकरीबन 54 हजार 500 परिवारों ने तूफान में अपनी संपत्ति खो दी है और 60 हजार मकानों और 1592 एकड़ कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है.

दुनिया में सबसे बड़े समुद्री बीच कॉक्स बाजार को चक्रवात का कहर झेलना पड़ा जहां पांच लोगों की मौत हो गई और 20 हजार से अधिक मकानों को क्षति पहुंची, वहीं सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और जिले की सारी सड़कें आने-जाने लायक नहीं रह गईं. भोला जिले में एक बच्चे की मौत हो गई जबकि रांगामाटी में एक महिला और एक लड़की की तब मौत हो गई. बंदरबन में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कम से कम 10 लोग घायल हो गए.

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राहत और बचाव कार्य के लिए अपनी सरकार की तारीफ की. उन्होंने कहा कि सरकार के पुख्ता प्रयासों ने गंभीर जान-माल की क्षति को रोका. उन्होंने संसद में कहा, ‘‘हम आपदा से निपटने में सक्षम हैं. चक्रवात और आपदाएं आएंगी. हमारा काम मानव जीवन को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए कदम उठाना है.’’