बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के धार्मिक मामलों के सलाहकार ने कहा है कि देश में एक ही समय में उपवास और पूजा करने में कोई समस्या नहीं है. उन्होंने एक सौहार्दपूर्ण देश के निर्माण का आह्वान किया, जहां सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्ण ढंग से एक साथ मिलकर रह सकें.
इस महीने की शुरुआत में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को अपदस्थ किये जाने के बाद बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों के सदस्यों के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं हुई थीं.
'48 जिलों में 278 स्थानों पर हमले हुए'
‘बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस’ ने कहा कि हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को अपदस्थ किये जाने के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमले हुए हैं.
सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व में हुए आंदोलन के बीच इस महीने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के कई हिंदू मंदिर, मकान और व्यापारिक प्रतिष्ठान नष्ट कर दिए गए.
सरकारी समाचार एजेंसी ‘बीएसएस’ की खबर के अनुसार, चटगांव जिले के हालिशहर क्षेत्र में हजरत उस्मान जामे मस्जिद में शुक्रवार की नमाज से पहले लोगों को संबोधित करते हुए धार्मिक मामलों के सलाहकार डॉ. ए एफ एम खालिद हुसैन ने धार्मिक सद्भाव वाले उस देश के निर्माण का आह्वान किया, जहां सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्वक रह सकें.
'बांग्लादेश सांप्रदायिक सद्भाव वाला देश'
उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश सांप्रदायिक सद्भाव वाला देश है. इस देश में एक ही समय में उपवास और पूजा करने में कोई समस्या नहीं है. हर कोई अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन और प्रचार करेगा. यह सभी नागरिकों का अधिकार है.’’
हुसैन ने कहा कि अवामी लीग सरकार के पतन के बाद बदले हालात में कुछ उपद्रवियों ने हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों के धार्मिक स्थलों और मकानों पर हमला किया और तोड़फोड़ की.
उन्होंने कहा, ‘‘देश की छवि खराब करने के लिए कुछ विदेशी मीडिया में भी दुष्प्रचार फैलाया गया है.’’ उन्होंने कहा कि जो लोग सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हुसैन ने बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए सभी से सहयोग मांगा.