Bangladesh Army: मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अराजकता रोकने में नाकाम साबित हो रही है, जिसके बाद एक बार फिर देश के भीतर सैन्य शासन की आहट बढ़ती जा रही है. इस बीच अंतरिम सरकार ने तात्कालिक प्रभाव से सेना को कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां दे दी है. बांग्लादेश के लोक प्रशासन मंत्रालय ने मंगलवार को इस मसले को लेकर गजट अधिसूचना जारी की. इस गजट के मुताबिक सेना के अधिकारी अगले 60 दिनों तक पूरे बांग्लादेश में जिला मजिस्ट्रेट की देखरेख में बतौर कार्यकारी मजिस्ट्रेट काम कर सकेंगे. मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि यह निर्देश पूरे बांग्लादेश में लागू होंगे.
बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट डेली स्टार से सरकार के एक सलाहकार ने बताया कि मजिस्ट्रेट की शक्ति मिलने के बाद सेना के अधिकारियों के पास लोगों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने का अधिकार होगा. आत्मरक्षा और अधिक जरूरत होने पर सैन्य अधिकारी गोली भी चला सकते हैं. अंतरिम सरकार के कानून सलाहकार आसिफ नजरुल ने इस फैसले की वजह बताते हुए कहा कि कई जगहों पर स्थितियां विध्वंसक हैं. उन्होंने औद्योगिक क्षेत्रों पर जोर देते हुए कहा कि इन स्थितियों के बीच सेना को मजिस्ट्रेट की शक्ति दी गई है.
पुलिस से नहीं कंट्रोल हो रहे हालात
कानून सलाहकार नजरुल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सेना के जवान इस अधिकार का दुरुपयोग नहीं करेंगे. डेली स्टार से नजरुल ने कहा कि एक बार स्थिति सुधर जाए, इसके बाद सेना को मजिस्ट्रेट की शक्ति रखने की जरूरत नहीं होगी. डेली स्टार से एक अन्य सलाहकार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पुलिस अभी तक ठीक से काम नहीं कर पा रही है. सेना के साथ मजिस्ट्रेट नहीं होने से स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही है.
बांग्लादेश में पहली बार इस तरह के आदेश
अंतरिम सरकार के सलाहकार ने इस बात को स्वीकार किया कि यह स्थिति असामान्य है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब सरकार की तरफ से सेना को इस तरह की शक्ति दी गई है. हालांकि, बांग्लादेश में पहले भी मॉर्शल लॉ लागू हो चुके हैं, लेकिन उस कानून के तहत खुद बा खुद सेना को मजिस्ट्रेट की पॉवर मिल जाती है.
पुलिस थानों में लगाई गई आग
5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में अराजकता का माहौल है. इस बीच पुलिस पर बड़ी संख्या में हमले किए गए. अराजक तत्वों ने पुलिस की गाड़ियों और कई पुलिस स्टेशनों में आग लगा दी थी. पुलिस वालों को अपनी वर्दी निकालकर छुपना पड़ा था. बांग्लादेश के पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुल 664 पुलिस थानों में से 450 थानों पर हमले किए गए.
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