Bangladesh Firefighters Battle To Douse Fire: बांग्लादेश के सीताकुंड के एक कंटेनर डिपो में लगी आग काबू में नहीं आ रही है.अभी भी वहां फायरफाइटर्स तीन दिन पहले लगी इस आग को बुझाने में लगे हैं. अब-तक 40 से अधिक लोग इस आग की चपेट में आकर अपनी जान गवां चुके हैं. हालांकि आग पर अधिकांश काबू पा लिया गया है, लेकिन पूरी तरह से इसे बुझाया नहीं जा सका है. इसके साथ ही आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. इस दुर्घटना में सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं. देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है. हालांकि इस घटना ने दक्षिण एशियाई इस देश के कमजोर सुरक्षा तंत्र की पोल खोल कर रख दी है.


शनिवार से सोमवार जलता रहा डिपो


बांग्लादेश के दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव से 40 किलोमीटर दूर सीताकुंड के दमरासुल क्षेत्र स्थित बीएम कंटेनर कंटेनर डिपो में शनिवार 4 जून की रात 9 बजे के करीब आग लग गई थी. जानकारी के मुताबिक इस कंटेनर डिपो में लगी आग को बुझाने के लिए फायरफाइटर्स को बुलाया गया था. इस दौरान ही धमाका हो गया. हालांकि यह नहीं पता चल पाया है कि डिपो में आग कैसे लगी थी.


माना जा रहा है कि आग बुझाने के दौरान ही  डिपो में रखे केमिकल के कुछ कंटेनर्स में आग लगने से आग ने भयावह रूप ले लिया. इसमें कई लोग मारे गए तो कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. अभी तक वहां फायर फाइटर्स आग को बुझाने में लगे हुए हैं. चटगांव के दक्षिणपूर्वी इस पोर्ट सिटी के फायर सर्विस चीफ अनीसुर रहमान के मुताबिक हमारे फायरफाइटर्स बहुत मेहनत कर रहे हैं, लेकिन यहां केमिकल्स के होने से उनका काम अधिक जोखिम भरा हो गया है.


रविवार की सुबह से फायरबिग्रेड के लोग आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इस दौरान लगातार हो रहे विस्फोट के कारण उन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. चटगांव अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा सहायक निदेशक मोहम्मद फारुक हुसैन सिकदर ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए लगभग 19 अग्निशमन यूनिट काम कर रही हैं और 6 एम्बुलेंस भी मौके पर हैं. 


नजदीकी अस्पताल घायलों से भर चुके हैं


न्यूज एंजेसी एएफ़पी को घटना के चश्मदीद एक लॉरी के ड्राइवर तुफैल अहमद ने बताया कि विस्फोट के वक्त वह एक जगह खड़े थे, जैसे ही विस्फोट हुआ वह अपनी जगह से 10 मीटर दूर जा गिरे थे. इस हादसे में उनके हाथ-पांव जल गए हैं. एक अन्य चश्मदीद के मुताबिक जहां आग लगी है वहां अभी भी डेड बॉडीज बिखरी पड़ी हैं. यहां नजदीकी सभी अस्पताल घायलों से भर चुके हैं और लोगों से ब्लड-डोनेट करने की अपील की जा रही है. अस्पतालों में घायलों की हालत बेहद नाजुक है. ऐसे में माना जा रहा कि इस हादसे में मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है.


ढाका ट्रिब्यून’ समाचार ने सीताकुंड के एक सीनियर गर्वमेंट ऑफिसर शहादत हुसैन के हवाले से बताया है कि शवगृह  में अब तक 43 शव पहुंचाए जा चुके हैं. ‘ढाका ट्रिब्यून’ ने ‘रेड क्रेसेंट यूथ चटगांव’ में स्वास्थ्य एवं सेवा विभाग के प्रमुख इस्ताकुल इस्लाम के हवाला देते हुए बताया कि अब तक ‘इस घटना में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कम से कम 350 लोग सीएमसीएच (चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल) में भर्ती हैं.”  उधर 12 फायरफाइटर्स भी इस हादसे में अपनी जान से हाथ धो चुके हैं.


कैसे हो रहा है बचाव कार्यः


द डेली स्टार’ न्यूज पेपर के मुताबिक, चटगांव के मंडलायुक्त अशरफुद्दीन ने बताया कि मृतकों के परिजनों को 560 डॉलर यानी 50,000 टका और घायलों को 224 डॉलर यानी 20,000 टका की मदद दी जा रही है. वहीं अधिकारियों ने इस हादसे की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का बना दी है और उसे आने वाले  तीन दिनों में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. इसके साथ ही समुद्र में रसायनों के बहाव को रोकने के लिए सेना को तैनात किया जा चुका है. ‘द डेली स्टार’ ने बीएम कंटेनर डिपो के डॉयरेक्टर मुजीबुर रहमान के हवाले से लिखा है कि यह साफ नहीं है कि आग किस वजह से लगी, लेकिन मुझे लगता है कि आग कंटेनर से फैली.यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि घायलों को बेहतर इलाज मिले. हम इलाज का पूरा खर्च उठाएंगे. दुर्घटना में घायल हुए लोगों को अधिकतम मुआवजा दिया जाएगा.हम सभी पीड़ित परिवारों की जिम्मेदारी लेंगे.’’ एक लोकल सरकारी अधिकारी के मुताबिक कंटेनर डिपो में लाखों डॉलर के कपड़े मौजूद थे. जिन्हें पश्चिमी देशों के खुदरा विक्रेताओं को निर्यात किया जाना था.बांग्लादेश पश्चिमी देशों का एक बड़ा निर्यातक देश है. और बीते एक दशक में यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वस्त्र निर्यातक बन गया है.यहां नियमों की अनदेखी और लापरवाही की वजह से अक्सर इस तरह की दुर्घटनाएं होती रहती हैं. जिस वजह से हाल के बरसों में सैकड़ों मौतें हुई हैं.


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