बांग्लादेश: चुनाव की 'फर्जी' जानकारी फैलाने के लिए पत्रकार गिरफ्तार
मामले में विवादास्पद डिजिटल सिक्योरिटी एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें सरकार के खिलाफ प्रचार और अफवाह फैलाने के लिए जेल की सजा का प्रावधान है. कानून में सरकारी रहस्य उजागर करने और गलत और सूचनाओं को तोड़मरोड़ कर पेश करने के लिए आजीवन कारावास की भी सजा का प्रावधान है.
ढाका: बांग्लादेश में प़ुलिस ने विवादित प्रचार रोधी कानून के तहत एक पत्रकार को गिरफ्तार किया है और दूसरे की तलाश की जा रही. इन पर आरोप है कि इन्होंने सप्ताह के अंत में हुए चुनाव के सिलसिले में 'फर्जी' सूचना प्रकाशित की थी. ढाका ट्रिब्यून और बांग्लादेश ट्रिब्यून के संवाददाता हिदायत हुसैन मुल्ला को मंगलवार शाम खुलना जिले में गिरफ्तार किया गया. स्थानीय प्रशासन के प्रमुख ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. समाचार एजेंसी 'एफे' को यह जानकारी स्थानीय पुलिस के प्रभारी अधिकारी महबूबुर्रहमान ने दी.
रहमान ने कहा, "उन्होंने चुनाव के बारे में फर्जी सूचना दी थी. उन्होंने बताया था कि खुलना-1 चुनाव क्षेत्र में कुल मतों की संख्या से 22,419 अधिक मत पड़े हैं. इस गंभीर गलत सूचना ने हमें परेशानी की स्थिति में डाल दिया." खुलना प्रशासन प्रमुख ने बांग्ला अखबार मानव जामिन के संवाददाताा रशीदुल इस्लाम के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाया है. रशीदुल इस्लाम अभी फरार बताए जा रहे हैं.
दोनों के खिलाफ विवादास्पद डिजिटल सिक्योरिटी एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें सरकार के खिलाफ प्रचार और अफवाह फैलाने के लिए जेल की सजा का प्रावधान है. कानून में सरकारी रहस्य उजागर करने और गलत और सूचनाओं को तोड़मरोड़ कर पेश करने के लिए आजीवन कारावास की भी सजा का प्रावधान है.
सितंबर में लागू हुए इस कानून की मीडिया ने निंदा की थी. मीडिया का कहना है कि इससे प्रेस और अभिव्यक्ति की आजादी को खतरा पैदा हो गया है. बांग्लादेश में आम चुनाव होने से महज तीन महीने पहले यह कानून लागू हुआ था. प्रधानमंत्री शेख हसीना के गठबंधन को आम चुनाव में अभूतपूर्व बहुमत मिला है.
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