Bangladesh Pakistan Maritime Relation: बांग्लादेश और भारत के संबंध लगातार खराब होते जा रहे हैं. भले ही बांग्लादेश अपने जरूरतों के लिए भारत से चावल और आलू जैसी खाद्य सामग्री की मांग करता है लेकिन व्यापारिक संबंधों के लिए वह पाकिस्तान की ओर देखता है. लेकिन पाकिस्तान के चक्कर में यूनुस सरकार का हाल ऐसा है कि वह अपने ही लोगों को ब्लैकमेल कर रही है.
हाल में बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच व्यापार और समुद्री संबंध (Maritime Relation) मजबूत होते दिख रहे हैं. इसी बीच बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रविवार (22 दिसंबर 2024) को 'एमवी युआन शियांग फा झान' बांग्लादेशी समुद्री इलाके में दाखिल हो चुका है. ये जहाज कराची से दुबई होते हुए बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पहुंच गया.
बांग्लादेश के गठन के बाद ये पहली बार होगा कि समुद्री समझौते के तहत कोई समुद्री जहाज सीधे पाकिस्तान से बांग्लादेश पहुंचा हो. भारत के लिए बांग्लादेश और पाकिस्तान की नजदीकी असहज करने वाली है.
बांग्लादेशी कारोबारियों पर पाकिस्तानी सामान इम्पोर्ट करने का दबाव
द इकॉनोमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बांग्लादेश में कारोबारियों को जबरन पाकिस्तान के साथ कारोबार करने और वहां से सामान इम्पोर्ट करने का दबाव बनाया जा रहा है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश के शिपिंग मंत्रालय के कुछ अधिकारी भारत-बांग्लादेश शिपिंग समझौते की समीक्षा करने का सुझाव दे रहे हैं. इस समझौते के तहत ही भारत की चटगांव और मोंगला बंदरगाहों तक जाने की इजाजत है.
बंगाल की खाड़ी में पाकिस्तान की दखल से भारत को क्या हो सकते हैं नुकसान?
चटगांव बंदरगाह भारत का लिए रणनीतिक तौर पर काफी महत्व रखता है. भारत इस बंदरगाह के जरिए बांग्लादेश में अपने खिलाफ होने वाली साजिशों पर नजर रख सकता था. साल 2004 में इस बंदरगाह पर गोला-बारूद से भरे 1500 डब्बे मिले थे. इसकी कीमत 4.5 से 7 मिलियन डॉलर आंकी गई थी. तब आरोप लगे थे कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने इन हथियारों की डिलीवरी आतंकवादी संगठन उल्फा को की थी.
पाकिस्तान और बांग्लादेश की सांठगांठ को देखते हुए भारत की चिताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं पाकिस्तान बांग्लादेश का इस्तेमाल भारत में आतंक फैलाने के लिए कर सकता है.
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