नई दिल्ली: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाले गठबंधन ने आम चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करके लगातार तीसरा कार्यकाल सुनिश्चित कर लिया है. अवामी लीग नीत महागठबंधन ने 300 सदस्यीय संसद में 288 सीटें जीती. विपक्षी नेशनल यूनिटी फ्रंट (एनयूएफ) को 15 प्रतिशत से अधिक वोटों के साथ ही सात सीटें मिली हैं जबकि अन्य ने तीन सीटें जीती हैं.


इस बड़ी जीत के बाद शेख हसीना ने विपक्षी दलों से मेहनत करने की अपील करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का उदाहरण दिया. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक उन्होंने अपने सरकारी आवास पर कहा, ''क्या आपको याद है कि जब राजीव गांधी भारी बहुमत के साथ जीतकर सत्ता में आए थे, तो बीजेपी मात्र दो सीट जीत पाई थी? आज बीजेपी सत्ता में है. इसलिए अगर पार्टियां काम करती है तो उनके पास यह मौका है.'' हसीना के इतना कहते ही वहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर तालियां बजाई.


चौथी बार प्रधानमंत्री बनने जा रही शेख हसीना ने विपक्षी दलों की हार पर भारत में 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ''उसने (कांग्रेस) पिछले चुनाव में कितनी सीटें हासिल की? सबसे पुरानी और बड़ी पार्टी होने के बावजूद यह तय नहीं था कि कौन सा नेता प्रधानमंत्री बनेगा. इसलिए लोगों ने उसे वोट नहीं दिया.''


71 वर्षीय हसीना ने कहा कि अवामी लीग महागठबंधन की चुनाव में जीत देश के लोगों के लिए दिसम्बर में एक और जीत है जो कि जीत का महीना है. उनका इशारा परोक्ष रूप से बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) की पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) पर दिसम्बर 1971 में मुक्तिसंग्राम में जीत की ओर था. हसीना ने कहा, ‘‘लोग यह नहीं जानते थे कि विपक्षी नेता है कौन...’’. उन्होंने कहा कि लोग चाहते थे कि उनकी सरकार सत्ता में बरकरार रहे.


नतीजों के बाद जहां शेख हसीना चौथी बार देश की प्रधानमंत्री बनेंगी वहीं उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया (73) भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी करार दिये जाने के बाद ढाका जेल में अनिश्चित भविष्य का सामना कर रही हैं. वह कथित तौर पर आंशिक रूप से लकवाग्रस्त भी हैं.


बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) महासचिव मिर्जा फखरूल इस्लाम आलमगीर ने चुनावों को ‘क्रूर मजाक’ बताया. वह पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अनुपस्थिति में पार्टी की कमान संभाल रहे हैं. 12 वर्षों से सत्ता से बाहर रहने वाली बीएनपी ने 2014 में 10वें आम चुनाव का बहिष्कार किया था. बीएनपी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है. चुनाव आयोग ने कहा कि उसे हिंसा की खबरों के बीच पूरे देश से उम्मीदवारों से 100 से अधिक शिकायतें मिली हैं.


‘डेली स्टार’ की खबर के अनुसार चुनाव संबंधी हिंसा में एक सुरक्षाकर्मी सहित कम से कम 18 व्यक्तियों की मौत हो गई जबकि 200 अन्य घायल हो गए. चुनाव के लिए पूरे देश में हजारों सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों सहित 600,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी. चुनाव में 10.41 करोड़ लोग मतदान करने के लिए पात्र थे.


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